Home देश बिहार शरीफ बम धमाका के मुख्य आरोपी की पुलिस कस्टडी में मौत

बिहार शरीफ बम धमाका के मुख्य आरोपी की पुलिस कस्टडी में मौत

बिहार शरीफ (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। सोहसराय थाना क्षेत्र के खासगंज मोहल्ले में किराए के मकान में सरफराज नाम का व्यक्ति, जो की अवैध पटाखा निर्माण का कार्य करता था और अचानक कल कासगंज मोहल्ला बम की धमाकों से दहल उठा, जिससे आसपास काफी जान माल का नुकसान हुआ है।  

BIHARSARI MOST CRIME DM SP 1 1इस वारदात में सरफराज के 3 पुत्र सहित पांच की मौत हो गई थी. नालंदा पुलिस अपनी अभिरक्षा में गिरफ्तार कर सरफराज को अस्पताल में इलाज करवा रहा थास लेकिन इलाज के दौरान भी सरफराज की मौत आज हो गई, जिसकी पुष्टि सोहसराय थाना के नए थानाअध्यक्ष ने की।

बता दैं कि विगत रात सोहसराय थाना क्षेत्र के खास गंज मोहल्ले में किराए के मकान पर रहकर अवैद्य पटाखे निर्माण का कार्य कर रहा सरफराज नाम का यह शख्स जिसकी करनी से 5 लोगों ने अपना जान दे दिया।

सूत्रों से जानकारी मिली कि सरफराज किराए के मकान में रह कर दिखावा के रूप में अवैध पटाखे निर्माण का कार्य करता था और उसी दौरान पटाखा निर्माण में छोटी सी चूक होने के कारण बहुत बड़ा धमाका हुआ।

जिससे आसपास के पांच मकान ध्वस्त हो गए एवं पांच शख्स की मौत हो गई वही 2 दर्जन से अधिक लोग घायल हो गए । घायलों को तत्काल बिहार शरीफ सदर अस्पताल लाया गया एवं गंभीर रूप से घायल व्यक्तियों को पीएमसीएच रेफर किया गया।

घटना की जानकारी पाकर पुलिस वहां पहुंची एवं मामले की छानबीन में जुट गई आनन फानन में अग्निशामक दस्ता वहां पहुंचकर आग को बुझाने में काबू पाया और इस घटना की जांच  के लिए तत्काल  पटना से एटीएस की टीम  पहुंच गई।

दबी जुबान से कुछ बातें उभर कर सामने आ रही है सरफराज के द्वारा अवैध पटाखें निर्माण की आड़ में बम का निर्माण किया जाता था और वहां का जो धमाका था, वह किसी केन बम से कम नहीं।

जिससे कि अगल बगल के मकान थर्रा कर नष्ट नाबूद हो गए और मलबे में तब्दील हो गया। जिससे आशंका जाहिर की जाती है की मलबे में भी कुछ शव निकल सकते हैं?

सवालिया निशान के घेरे में जिला प्रशासन आनन-फानन में तत्काल सूचना थानाध्यक्ष शेर सिंह यादव को सस्पेंड कर दिया। जो जिला प्रशासन के वरीय पदाधिकारी की एक तानाशाह नजर आती है।

एक कहावत है “खेत खाए गधा और मार खाए जो रहा”। आखिर सवाल उठता है कि क्या वरीय पदाधिकारियों को इसकी कुछ सुराग तक नहीं थी क्या उनकी हाथ सरफराज नाम के व्यक्ति तक नहीं पहुंच सकती थी? शायद रामनवमी जुलूस को लेकर सरफराज की मनसा बिहारशरीफ दहलाने की तो नहीं थी?

आखिर सवाल उठता है कि जब पांच अपनी जान गवा बैठे तब जिला प्रशासन के कान पर जु रेंगा इसके पूर्व क्या सरफराज के बारे में जिला प्रशासन अनभिज्ञ थी या मौन?

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