” नालंदा जिले के चंडी प्रखंड के पश्चिमी निर्वाचन क्षेत्र से जिला परिषद के उपचुनाव में एक तरफा मुकाबला में प्रखंड के तुलसीगढ पंचायत की पूर्व मुखिया अनिता सिन्हा विजयी घोषित की गई है। उन्होंने अपने निकटतम प्रत्याशी पिंकी कुमारी को 6448 मतों से हराकर जिला परिषद उपचुनाव सीट पर जीत हासिल की। हिलसा एसडीओ श्रृष्टि राज सिन्हा ने उन्हें जीत का प्रमाण पत्र दिया”।
चंडी (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा के चंडी प्रखंड के पश्चिमी निर्वाचन क्षेत्र के जिला परिषद उपचुनाव में ‘बहूओं की टक्कर’ के साथ धन बल और बाहुबल के बीच दिवंगत जिप सदस्या की बहू अपनी सास की सीट बचाने में असफल रही।
प्रखंड के तुलसीगढ पंचायत की पूर्व मुखिया अनिता सिन्हा ने ‘बहुओं की टक्कर’ में बाजी मार लें गई। उन्होंने अपने निकटतम प्रत्याशी पिंकी कुमारी को लगभग साढ़े छह हजार मतों से एक तरफा जीत हासिल की।जबकि एक और बहू निशु कुमारी तीसरे स्थान पर रही।
चंडी प्रखंड के पश्चिमी निर्वाचन क्षेत्र से जिला परिषद का उप चुनाव शुरू से ही रोचक बना हुआ था।जिला परिषद सदस्या चंद्र कांति देवी के निधन के 11 महीने बाद हुए इस उपचुनाव में सबकी नजरें टिकी हुई थीं।
पूर्व सदस्या के पुत्र धनंजय कुमार अपनी माँ की विरासत को बरकरार रखने तथा उनके अधूरे कार्य को पूरा करने की महत्वाकांक्षा ने उन्हें फिर से जनता के बीच ला खड़ा कर दिया।
इस बार उन्होंने अपने छोटे भाई की पत्नी पिंकी कुमारी को चुनाव मैदान में उतारा तो जरूर लेकिन काफी देर कर दी। जबकि चुनाव लड़ने की लालसा पाल रखें प्रत्याशी पिछले दस महीने से जनता के बीच में चुनाव प्रचार में लगें हुए थे ।
मंगलवार को स्थानीय मगध महाविद्यालय के सभागार भवन में मतों की गिनती शुरू हुई। गिनती शुरू होने के साथ ही पूर्व मुखिया अनिता सिन्हा लगातार अपने निकटतम प्रत्याशी से निर्णायक बढ़त बनाती चली गई। प्रखंड के सात पंचायत के 105 मतदान केंद्रों के मतों की गिनती की गई।
विजयी प्रत्याशी अनिता सिन्हा को 12 हजार 124 मत मिले जबकि दूसरे स्थान पर रहे पिंकी कुमारी को 5676 मत तथा निशु कुमारी को 5 हजार 8 मत मिलें ।कुल छह प्रत्याशी चुनाव मैदान में थें ।जिनमें अनिता सिन्हा ने बाजी मार ली।
अनिता सिन्हा इससे पहले लगातार दस साल तक तुलसीगढ पंचायत से मुखिया रह चुकी हैं। इनके पति चंद्र भूषण प्रसाद भी 2001 में मुखिया रह चुके हैं ।
चंडी पश्चिमी जिला परिषद का चुनाव पिछले चुनाव के मुकाबले इस बार धन बल और बाहु बल के साथ राजनीतिक हस्तक्षेप भी देखने को मिला।इस चुनाव में एक प्रत्याशी को जिले के कई विधायक तथा एक पूर्व विधायक का भी समर्थन मिलने की चर्चा जोरों पर रही।
पिछले चुनाव में एक खास राजनीतिक दल का समर्थन पूर्व सदस्य को मिला हुआ था।लेकिन इस बार उन्हें समर्थन नहीं मिला। यहाँ तक कि पिछले चुनाव में साथ रहे लोग भी उनका साथ छोड़ कर दूसरे प्रत्याशी के पक्ष में हो गए थे।
दूसरे नंबर पर रही पिंकी कुमारी को तुलसीगढ पंचायत ने इस बार इज्जत बचा ली। मतगणना के दौरान कभी वह दूसरे तो कभी तीसरे नंबर पर जा रही थीं ।लेकिन तुलसीगढ पंचायत में मिले वोट के बाद वह दूसरे नबंर पर आ गई ।नहीं तो उन्हें तीसरे नबंर पर ही संतोष करना पड़ता।
अनिता बन सकती है जिलाध्यक्ष
गौरतलब रहे कि जिला परिषद अध्यक्षा तनुजा कुमारी के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव की सुगबुगाहट तेज है। अगर उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आता है तथा उनकी कुर्सी चली जाती है तो अनिता सिन्हा जिला अध्यक्ष की दौड़ में शामिल हो सकती है। इसका मुख्य कारण जिला के कई विधायकों तथा एक मंत्री का भी इन्हें वरदहस्त प्राप्त बताया जाता है।
ऐसे भी वर्ष 2002 से 2016 तक चंडी प्रखंड से निर्वाचित जिप सदस्य ही जिला अध्यक्ष का पद सुशोभित करते रहे थे। ऐसे में इसकी संभावना बलबती दिख रही है।