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    Saturday, November 23, 2024
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      बड़े काले कारनामे हैं बिहारशरीफ में रिश्वत लेते धराये लैंड रजिस्टार की

      “न्यायालय से गिरफ्तारी आदेश निर्गत होने के बाद फरार घोषित होने वाले ये साहब बड़ी इत्मिनान से बिहाशरीफ अपने पद का दुरुपयोग करते हुये काली कमाई कर रहे थे।”

      एक्सपर्ट मीडिया न्यूज डेस्क। नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ के रजिस्ट्री ऑफिस में निगरानी विभाग की टीम ने जिस रजिस्ट्रार नीरज कुमार सिन्हा को उऩके पेशकार जितेंद्र प्रसाद समेत 15 हजार रूपए रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया है, उसके कई काले कारनामे उभर कर सामने आये हैं।

      cruptionउक्त रजिस्टार के खिलाफ दानापुर थाना कांड संख्या 201/2011 दर्ज है। इस कांड में न्यायालय से गिरफ्तारी आदेश निर्गत होने के बाद फरार घोषित होने वाले ये साहब बड़ी इत्मिनान से बिहाशरीफ अपने पद का दुरुपयोग करते हुये काली कमाई कर रहे थे।

      वह मामला डिफेंस लैंड को दानापुर नगर परिषद का बता कर अवैध ढंग से निबंधित करने का था। इस मामले में तात्कालीन सिटी एसपी जयंत कांत ने भी अपनी सुपरविजन पांच में रजिस्ट्रार नीरज कुमार को दोषी पाते हुये गिरफ्तारी के आदेश दिये थे, जो ठंढे बस्ते में पड़ गई।

      cruption 1इसके आलावा रजिस्ट्रार नीरज कुमार सिन्हा द्वारा अवैध तरीके से अपनी अर्जित काली कमाई वैष्णवी बिल्डर प्रा. लि. और अगरानी डेवलपर्स में निवेश किया है और उन्हें कंपनी का पार्टनर भी बताया जा रहा है।

      राजधानी पटना के बेली रोड के विजय नगर मोहल्ले में आलीशान महल में निवास करने वाले रजिस्ट्रार नीरज कुमार सिन्हा अपने निर्दोष विरोधियों को केस-मकदमों में फंसाने के माहिर खिलाड़ी माने जाते हैं।

      बता दें कि पटना के गर्दनीबाग थाना क्षेत्र के चकबिंदा निवासी राकेश कुमार नालंदा के तेलमर इलाके में मां के नाम से जमीन रजिस्ट्री करा रहे थे। पेशकार ने 20 हजार रुपए घूस मांगे। सौदा 15 हजार में पटा।

      राकेश ने निगरानी में शिकायत की। निगरानी की मौजूदगी में राकेश ने 15 हजार पेशकार को दिया। जैसे ही पेशकार ने रकम रजिस्ट्रार को सौंपी, दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया।  

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