“अवध सिक्यूरिटी एजेंसी का पता भी फर्जी पाया गया है। उक्त मामले में नगर थाना प्रभारी के फर्द बयान पर सफीकूल आलम के विरूद्ध नगर थाना में कांड दर्ज किया गया है। आरोपी फरार है।”
प्राप्त जानकारी के अनुसार पुलिस अधीक्षक को गुप्त सूचना मिली कि इंडसइंड बैंक में कार्यरत गार्ड सफीकूल आलम का एक नाली बंदूक का लाईसेंस फर्जी है साथ ही बंदूक और छह जिंदा कारतूस का दुरूपयोग गार्ड द्वारा किया जा रहा है। सूचना पर नगर थाना पुलिस ने गार्ड को बंदूक और छह जिंदा कारतूस, लाईसेंस के साथ पूछताछ हेतू थाना लाया गया।
पूछताछ के दौरान गार्ड ने पुलिस को बताया कि उसे कोलकाता स्थित अवध सिक्यूरिटी कंपनी के माध्यम से यह बंदूक और लाईसेंस प्राप्त हुआ है। उसने पुलिस को यह भी बताया कि यह बन्दूक उनके द्वारा चालीस हजार रूपए में खरीदा गया है। पुलिस ने सत्यापन एवं जांच हेतू गार्ड सफीकूल आलम का बंदूक, छह जिंदा कारतूस और लाइसेंस की मूल प्रति दो स्वतंत्र गवाहों के उपस्थिति में जब्त किया और सफीकूल को निजी मुचलके पर छोड दिया गया।
नगर थाना प्रभारी सह पुलिस इंस्पेक्टर इंदूशेखर झा ने शुक्रवार को एक प्रेस वार्ता कर बताया कि जब्त लाइसेंस, बंदूक, सिक्यूरिटी एजेंसी की जांच हेतू एक पदाधिकारी को कोलकाता और अन्य पदाधिकारी को खगडिया तथा मुंगेर भेजा गया। जांच पदाधिकारियों ने जांच में पाया कि पश्चिम बंगाल के जिला मुर्शिदाबाद, थाना सुती अन्तर्गत निजामपुर गांव निवासी सफीकूल आलम का लाइसेंस एवं बंदूक अवैध है।
श्री झा ने बताया कि जांच के क्रम में बात सामने आई कि दूकान के मालिक की मौत दूकान से शस्त्र खरीदने के एक दिन पूर्व ही हो गई थी और दुकान दो माह पूर्व ही बंद हो गया था।
श्री झा ने बताया कि अवध सिक्यूरिटी एजेंसी का पता भी फर्जी पाया गया है। उक्त मामले में नगर थाना प्रभारी के फर्द बयान पर सफीकूल आलम के विरूद्ध नगर थाना में कांड दर्ज किया गया है। आरोपी फरार है।