उक्त आशय की जानकारी देते हुये श्री सिन्हा ने मोबाइल बातचीत में बताया कि उनकी अदालत में राजगीर के पुरुषोतम प्रसाद द्वारा दायर वाद की जो सुनवाई चल रही है, उस संबंध में विशेष कल यानि सोमवार को कार्यालय पहंचने के बाद ही बता पायेगें।
उन्होंने एक सबाल के जबाव में बताया कि उस मामले में प्रतिवादी राजगीर अंचलाधिकारी के खिलाफ शास्ति अधिरोपित का प्रयाप्त आधार की अंतरिम आदेश निर्गत है लेकिन, वादी द्वारा प्रतिवादी को एक अंतिम अवसर दिये जाने के अनुरोध के कारण अंतिम आदेश की अंतिम तिथि 27 जून,2017 तय की गई थी। उनका हरसंभव प्रयास होगा कि वे इस मामले में शीघ्र ही अगली तिथि तय कर अंतिम आदेश जारी कर देगें।
उन्होनें कहा कि राजगीर अंचलाधिकारी को जो आदेश निर्गत किये गये हैं, उसका अनुपालन करना है। अगर उसका अनुपालन नहीं हुआ होगा तो उनके खिलाफ मामला और भी गंभीर बन जायेगा और जो प्रावधान बने हैं, उसके अनुसार आगे की कार्रवाई की होगी।
उन्होनें स्पष्ट तौर पर कहा कि वे किसी भी मामले में वादी या प्रतिवादी को नहीं देखते हैं। वे सिर्फ मामले को देखते हैं और प्रावधान संगत न्यायोचित आदेश देने में कोई कोताही नहीं बरतते।
नालंदा जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी संजीव कुमार सिन्हा ने वादी द्वारा बीते कल मामले की सुनवाई नहीं होने पर डीएम से सीएम तक की गई शिकायत की बाबत कहा कि अगर किसी को कोई परेशानी होती है तो उसकी शिकायत करने का उनका संवैधानिक अधिकार है। और अगर इस मामले में कोई शिकायत की गई है तो उन्हें खुशी है कि लोग अपने अधिकारों के प्रति सजग हैं।