बिहारशरीफ (प्रमुख संवाददाता )। जीरो टाॅलेरेंस की बात करने वाले सीएम नीतीश कुमार के गृह जिले में ही उनके ही सात निश्चय योजना भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ रही है।
जिले के इसलामपुर नगर पंचायत में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत हो रहे कार्यो में घोर अनियमितता बरती जा रही है। इतना ही नहीं सरकार के आदेश को अनसुना करते हुए बिना ई टेंडिग के चल रहे इस कार्य में सरकारी ख़ज़ाने की लूट मची हुई है।
प्रत्येक वार्ड पार्षदों को पाँच-पाँच लाख रुपया का कार्य दिया गया है,जिसमे एक लाख रुपया की अग्रिम राशि का भुगतान भी कर दिया गया है।
इन कार्यों का अब तक ना तो कोई स्थल चयन किया गया है और ना ही वर्क ऑडर निकला है। बिना वर्क ऑडर का ही काम चल रहा है। ऐसे काम करने का उद्देश्य क्या है ,यह सभी जान रहे हैं।
इतना ही नहीं सात निश्चय के तहत बनने वाली नाली की जगह वार्ड-08 में होम पाईप बिछाया जा रहा है और उसके ऊपर ढ़लाई की तैयारी जा रही है, इस सम्बन्ध में इसलामपुर के कई समाज सेवी व गणमान्य लोग बिहार सरकार के माननीय मुख्यमंत्री से मिलने की कोशिश में लगे हैं । ताकि सरकारी ख़ज़ाने को लूट से बचाया जा सके।
इतना ही नहीं हर घर, नल-जल योजनाओ के तहत घर को मिलने वाले नल में कई रईस जादों ने मोटर लगा लिया है, तो कोई नल चालू होते ही अपने शौचालय में पानी को गिराना शुरू कर देते हैं। इससे गरीब किस्म के लोग पेयजल से वंचित हो रहे हैं। उनके घरों में पानी पहुँचता ही नहीं ।
अब सवाल यह उठता है कि सरकार कब तक भ्रष्टाचार के नींव पर विकास के दावे करतीं रहेंगी? कब तक विकास का जिम्मा भ्रष्टाचारियों के हाथ में रहेगा? यह एक महत्वपूर्ण सवाल है। जिसका जबाब भले सरकार न दें लेकिन, सरकार के मुलाजिमों को तो जबाब देना ही पड़ेगा ।