“समूचे नालंदा जिले में लगता है कि अपराधियों की बहार है। दिनदहाड़े फायरिंग, लूट, हत्या, छिनतई, चोरी-चमारी आम बात हो गई है। समूचा पुलिस महकमा सीधे दारु के पिछे भागती नजर आती है या फिर उसमें डूबी हुई।”
हिलसा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिले के हिलसा नगर में एक गल्ला कारोबारी से पांच लाख बीस हजार रुपये लूट लिए गए। लूट का यह खेल शुक्रवार की दोपहर महज पंद्रह मिनट में लूटेरों ने खेला। लूटेरों के लूट का सारा खेल सीसीटीवी में कैद हो गया।
शहर के रामबाबू हाईस्कूल मोड़ के निकट गल्ला का कारोबार करने वाले शत्रुघ्न हर दिन की तरह केनरा बैंक की शाखा में पहुंचा। कारोबारी के पहुंचने के महज कुछ मिनट बाद एक बाइक पर सवार दो युवक आता बैंक के निकट पहुंचता है।
बैंक से दक्षिण बढ़कर अपनी बाइक खड़ी कर देता है। उसके बाद ब्लू रंग जिन्स और हल्का आसमानी रंग का हाफ शर्ट और जूता पहने एक शख्स ग्यारह बजकर बाईस मिनट में बैंक के अंदर घुसा।
उसके चार मिनट बाद ग्यारह बजकर छब्बीस मिनट पर एक और शख्स ग्रे कलर का फूलपैंट और ब्लू रंग का फूल शर्ट और जूता पहने हुए बैंक में घुसता है।
प्रत्यक्षदर्शी के मुताबिक दोंनो शख्स बारी-बारी से बैंक कर्मी से न्यू एकाउंट ओपनिंग के बारे में पूछता है। बैंककर्मी द्वारा न में जबाब मिलने के बाद भी दोनों शख्स बैंक के अंदर ही घूमता रहता है।
थोड़ी देर बाद दूसरा शख्स बाहर निकलता है और कुछ देर बाहर निकलने पर फिर ग्यारह बजकर चौंतीस मिनट में बैंक के अंदर जाता है। महज कुछ ही सेकेंड बाद दूसरा शख्स बाहर निकलता है। बैक से बाहर निकलने के बाद मुड़कर देखता है।
कारोबारी को रुपये भरा थैला लेकर निकलते देख पहला शख्स तेजी से दक्षिण तरफ बढ़ता है। ठीक ग्यारह बजकर पैंतीस मिनट पर कारोबारी बैंक से पांच लाख बीस हजार लेकर पास रहे थैला में रखता और रुपये भरा थैला लेकर मुख्य सड़क पर आता है।
इसके ठीक कुछ ही सेकेंड बाद पहला शख्स बैंक से बाहर निकलकर कारोबारी को निहारता है और रोड क्रॉस कर पहले शख्स का इंतजार करता है। पहला शख्स हेलमेट लगाए काले रंग की टी-ट्वेंटी बाइक लेकर आता है, जिसपर तेजी से पहल शख्स सवार होता है।
दोनों शख्स पैदल जा रहे कारोबारी के नजदीक बाइक करता है और तेजी से रुपयों भरा थैला खींचकर पटना की ओर भाग जाता है। कारोबारी शोर मचाता है। राहगीर के साथ-साथ आसपास के लोग जुट जाते हैं। दिन-दहाड़े हुई लूट की इस घटना के बाद अफरा-तफरी मच जाती है।
खबर मिलते ही थानाध्यक्ष रत्न किशोर झा भी तत्काल पहुंचे। रुट में पड़ने वाले सभी थानाध्यक्षों को हुलिया बताते हुए खुद पीछा बाबजूद इसके लूटेरे पकड़ में नहीं आ सका।