Home देश नालंदा के मॉडल प्रखंड में MDM की यूं हो रही जमकर लूट

नालंदा के मॉडल प्रखंड में MDM की यूं हो रही जमकर लूट

पिछले दिन प्रखंड के पश्चिमी इलाके के विद्यालयों में जो स्थिति दिखाई दी, वह काफी चौकाने वाली है।”

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (पवन कुमार)। नालंदा जिले के करायपरसुराय प्रखंड में मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत जमकर लूट मची है। इस योजना के तहत विभिन्न विद्यालयों में उपस्थिति से अधिक बच्चों की संख्या दर्शाकर निवाला गटक लिया जाता है।

स्थिति काफी खराब है। इसके चलते प्राथमिक एवं मध्य विद्यालयों में शिक्षा के लिए सरकार द्वारा करोड़ों रुपए खर्च किए जाने के बावजूद शैक्षणिक व्यवस्था धाराशायी है। एमडीएम योजना जहां शिक्षा विभाग के लिए कामधेनु बन गई है।

वहीं स्कूलों में शिक्षकों की पदस्थापना में भी काफी विषमता है। जबकि कई स्कूलों में जरूरत से अधिक शिक्षक है तो किसी विद्यालय में शिक्षकों की संख्या काफी कम है।

karai mdm eucation crime 1छुट्टी के समय बनती है हाजिरी : एमडीएम योजना के नाम पर स्कूलों में खूब खिचड़ी पकायी जा रही है। वहीं दूसरी तरफ स्कूलों में छुट्टी के समय हाजिरी बनाई जाती है। ताकि संख्या बढ़ाई जा सके।

कहीं अधिक तो कहीं कम हैं शिक्षक : प्रखंड के कई विद्यालयों में जहां जरूरत से ज्यादा शिक्षक है। वहीं कई विद्यालयों में काफी कम शिक्षक पदस्थापित हैं। लेकिन यहां वर्ग कक्ष की कमी के कारण कई वर्गो को एक साथ संचालित किया जा रहा है

समय से स्कूल नहीं आते शिक्षकः प्रखण्ड क्षेत्र के सांध,  मखदुमपुर, दिरीपर सीआरसी के अधिकांश सरकारी विद्यालयों में शिक्षक समय  से नहीं पहुंचते हैं। इस कारण बच्चों का पठन पाठन प्रभावित हो रहा है। प्रखंड के पदाधिकारी प्राय: बीआरसी से ही लौट जाते हैं। इससे समय से न आने वाले शिक्षकों पर कोई कार्रवाई नहीं हो पाती है।

गौरतलब है कि प्रखंड मुख्यालय जितनी दूर भीतरी बेरथु व जियनचक है, उतनी ही दूर चन्द्र विगहा, मोहिदीनपुर, निरिया है। इन विद्यालयों में शिक्षक पटना ,जहानाबाद, हिलसा, बिहारशरीफ से पढ़ाने आते हैं।

20-30 किमी दूर से आने वाले शिक्षक स्वाभाविक है कि समय से विद्यालय नहीं पहुंच पायेंगे। ऐसे शिक्षक समय से पहले विद्यालय बंद करके भी चले जाते हैं।

विभागीय पदाधिकारी भी बच्चों के पठन पाठन की गुणवत्ता पर ध्यान नहीं दे रहे हैं। बच्चों के बिगड़ते भविष्य से अभिभावक चिंतित हैं। उधर सरकारी विद्यालय के शिक्षकों के बच्चे सरकारी विद्यालय में नहीं पढ़ते। ऐसे में गरीब घर के बच्चों को शिक्षकों के इस रवैये से अच्छी तालिम नहीं मिल पाती है।

क्या कहते हैं अधिकारीः  इस संबंध में पूछे जाने पर बीडीओ ने बताया कि इस तरह की शिकायत मिलने पर विद्यालयों की जांच की जाएगी।  दोषी शिक्षक के विरुद्ध कानूनी करवाई की जाएगी।

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