“कुछ यही हो गया बिहार के सीएम नीतिश कुमार के गृह जिला नालंदा में । एक अधिकारी के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले उजागर करने एवं भ्रष्टाधिकारी के खिलाफ कार्रवाई नहीं होने से नाराज सदस्यों ने जब डीएम के आवास पर जाकर इस्तीफा देने पहुँचे तो डीएम गायब मिले।पंचायत समिति सदस्य अपने हाथों में इस्तीफा लिए बैरंग लौट गए।”
इधर नालंदा डीएम ने एक्सपर्ट मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उन्हें इसकी ज्यादा जानकारी नहीं है।उन्हें पता नहीं है कि सदस्य इस्तीफा देने के लिए आए थें ।वे सरकारी कार्यों में व्यस्त थें ।
डीएम ने कहा कि डीआरडीए के डायरेक्टर गए हुए हैं ।बैठक कर रहे हैं ।मामला क्या है ।जांच कर रहे हैं ।अगर दोषी होगा तो कार्रवाई होगी। जेल जाएगा । दो दिन में मामला साफ हो जाएगा ।
इधर जब एक्सपर्ट मीडिया ने डायरेक्टर से बात की तो उन्होंने सही ढंग से जवाब देना मुनासिब नहीं समझा। सीधे कहा कि इस मामले की कोई जानकारी नहीं है। वे रुटीन वर्क से चंडी आये हैं।
बुधवार को पंचायत समिति सदस्यों का एक प्रतिनिधि मंडल अपनी समस्या लेकर नालंदा डीएम से मिलने पहुँचा लेकिन डीएम से उनकी मुलाकात नहीं हो सकी।पूर्व निर्धारित समय देने के बाद भी डीएम से पंचायत समिति सदस्य की मुलाकात नहीं हो पाई।सदस्य अपना इस्तीफा हाथ में लिए बैरंग लौट गए।
लेकिन सदस्यों ने कहा है कि वे अपना इस्तीफा डीएम से मिलकर उन्हें ही सौंपेगें किसी और को नहीं । लेकिन इधर बीडीओ तथा एक खास राजनीतिक दल का दबाव सदस्यों पर बन रहा है कि वे डीएम से मिलें ।उन्हें डीएम के पास जाने से रोका जा रहा है।लेकिन कुछ सदस्यों ने कहा है कि वे भ्रष्ट अधिकारी के सामने घुटने नहीं टेकेगें। उन्हें डीएम से मिलने के वजाय चंडी के भ्रष्ट अधिकारी को हटाने की कोशिश बीडीओ और संबंधित लोग करें ।
इधर डीआरडीए के निदेशक बुधवार को चंडी प्रखंड कार्यालय पहुँचे तथा सदस्यों से बातचीत की।उन्होंने कहा कि अगर पंचायत जनप्रतिनिधि इतना सजग हो जाए तो भ्रष्टाचार ही खत्म हो जाए।कुछ सदस्यों ने कहा कि आवास पर्यवेक्षक के खिलाफ पंचायत समिति की बैठक में भी रिश्वत लेने का मामला उठ चुका है।
इस पर निदेशक ने कहा कि सदन में इस तरह के कई मामले उठते रहते है। पंचायत जनप्रतिनिधि भी कई प्रकार की गड़बड़ी करते हैं उनके खिलाफ भी शिकायत आते रहती है।जहाँ सौ प्रतिशत कार्य होता है वहाँ दस प्रतिशत गड़बड़ी होती ही है।आजकल लोगों में किसी के खिलाफ शिकायत लिखने का प्रचलन कुछ ज्यादा ही बढ़ गया है ।
वही गंगौरा के सदस्य दयानंद यादव ने डायरेक्टर के समक्ष आवास पर्यवेक्षक के खिलाAफ काला चिट्ठा खोलकर रख दिया ।इसपर डायरेक्टर ने कहा कि आवास पर्यवेक्षक के खिलाफ जांच की जाएगी अगर वे दोषी पाएँ गए तो कार्रवाई की जाएंगी ।
इधर एक खास राजनीतिक दल और बीडीओ द्वारा सदस्यों पर दबाव बनाया जा रहा है कि मामला डीएम तक न पहुँचे इस्तीफा देने की नौबत न आए।