Home एक्सपर्ट मीडिया न्यूज धूमधाम से मना डॉ रामराज सिंह की 35वीं स्मृति समारोह

धूमधाम से मना डॉ रामराज सिंह की 35वीं स्मृति समारोह

“उस समय अविभावक कहते थे लड़की लोग पढ़कर क्या करेगी।  अब युग के साथ साथ समय भी बदल गया। अविभावक का सोच भी बदल गया। अब बेटा के साथ बेटी भी पढ़ा रहे है। अब लड़कों के संख्या से ज्यादा लड़की की संख्या बढ़ रही है।”

chandi news 1चंडी (संजीत)।  पूर्व शिक्षा मंत्री डॉ रामराज सिंह की 35वीं स्मृति समारोह बड़े ही धूम धाम से मनाया गया। जिसमे कई मंत्री, सांसद एवं पूर्व विधायक भी शामील हुए।

यह कार्यक्रम डॉ रामराज सिंह महिला कॉलेज के परीसर में मनाया गया। कॉलेज परिसर में ही उनके आदमकद प्रतिमा पर शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन वर्मा, कृषि मंत्री प्रेम कुमार, ग्रामीण एवं संसदीय कार्य मंत्री श्रवण कुमार, नालंदा सांसद कौशलेन्द्र कुमार हिलसा के पूर्व विधायक रामचरित्र प्रसाद, पूर्व विधायक केडी यादव सहीत अन्य नेताओं ने मलायार्पण किया।

इस मौके पर शिक्षा मंत्री ने कहा कि पहले के युग में हमलोग मीडिल स्कूल में चार से पांच किलोमीटर पैदल जाना पड़ता था। जिसमे लडकियां की संख्या मात्र एक प्रतिशत रहती थी। 

उन्होंने शराबबंदी को सराहते हुए कहा कि पहले लोग चौक चौराहे पर शराबी से शरीफ लोग डरते थे। अब पिने वाला ही डर रहा है क्योंकि शराबबंदी का कानून सख्त है।

उन्होंने आये हुए लोगों से कहा कि शिक्षा में सुधार के लिए महत्वपूर्ण सुझाव हो तो आप मेरे पास बेहिचक आये और अपना सुझाव दे। उस सुझाव पर अमल किया जाएगा। 

कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने कहा कि नालंदा के धरती पर डॉ रामराज सिंह का योगदान काफी रहा। जब हम विधार्थी थे तो यदाकदा समाचार पत्रों में इन्हें हम देखते थे।  ये हमेशा गाँवों के विकास के लिए लगातार प्रयास किये।

उन्होंने कहा कि आलू के क्षेत्र में नालंदा अव्वल रहा है। कृषि रोड मैप से निश्चित तौर पर आने वाला समय में उत्पादन के साथ साथ वेहतर भंडारण की व्यवस्था किया जाएगा। जिससे किसानो को बेहतर बाजार मिल सके। बिहार में जैविक खेती पर जोर दे रही है इसके लिए प्रत्येक किसानों के खेतों को मिट्टी जांच का व्यवस्था किया गया है।

ग्रामीण विकास व संसदीय मंत्री  श्रवण कुमार ने कहा कि नालंदा के इस पावन धरती पर डॉ रामराज सिंह का योगदान बहुत अहम था। डॉ रामराज सिंह के जीवनी पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पूर्व शिक्षा मंत्री लोगों के लए आदर्श थे।  बहुत ही साहसी थे। वे किसी से नहीं डरते थे। इनका शिक्षा के क्षेत्र में अहम योगदान था।

सांसद कौशलेन्द्र कुमार ने कहा कि डॉ रामराज सिंह एक साधारण परिवार से निकलकर शिक्षा मंत्री बने थे। उनकी सोच था कि कैसे समाज आगे बढे। शिक्षा के प्रति उनकी सोच बहुत गहरी थी। मंत्री बनने से पहले काफी संघर्ष किये थे। उनकी सोच थी कि बिहार के बदहाली कैसे दूर हो। आज हमलोग भी बुराइयाँ को समाप्त करन होगा। 

हिलसा पूर्व विधायक रामचरित्र प्रसाद ने कहा कि पूर्व शिक्षा मंत्री 1962 से 67 तक विधायक थे तो  किसान व मजदूरों के लिए संघर्षरत रहे। चंडी विधान सभा विलोपित से आज भी चंडी के जनता का दर्द है। चंडी विधानसभा को काटकर हरनौत में मिला दिया गया।

इस मौके पर पूर्व विधायक अनील सिंह, पूर्व विधायक केडी यादव, डॉ जगदीश प्रसाद, उपेन्द्र प्रसाद सिंह, प्रदीप कुमार आदि लोग मौजूद थे।

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