“किशोर पर अपने सहयोगियों के साथ महिला के साथ मारपीट कर गोली चलाने का आरोप है। घटना के समय वह 14 वर्ष का था और फिलहाल 21 वर्ष का है तथा स्नातक पार्ट 2 में पढ़ाई कर रहा है। उसे एक माह तक ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ मुहिम चलाने की सजा मिली है……….”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क। नालंदा जिला किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेन्द मिश्रा ने एक सकारात्मक फैसला सुनाया है। उन्होंने सोहसराय थाना से संबंधित एक मामले के आरोपित किशोर के भविष्य को देखते हुए उससे सामाजिक कार्य लेने की सजा दी है।
न्यायाधीश श्री मिश्रा ने अपने फैसले में कहा है कि पर्यवेक्षण गृह में बंद रखने से उसकी पढ़ाई बाधित हो सकती है। उन्होंने उक्त किशोर को ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ’ पर लोगों को जागरूक करने की सजा सुनायी है।
न्यायालय के आदेशानुसार किशोर मिली सजा के दौरान सोहसराय थानाध्यक्ष की देखरेख में लोगों को जागरूक करेगा। वह लोगों को प्रेरित करेगा कि बालिका के जन्म को लोग त्योहार के रूप में मनाएं और उसे शिक्षा देकर सक्षम बनायें।
न्यायाधीश मानवेन्द्र मिश्र ने अपने फैसले में साफ कहा कि किशोर अपराधी को दंड देते समय यह ध्यान रखना जरूरी है कि विधि विरूद्ध किशोर के साथ न्याय हो। किशोर के मामले में हम दंड देने के सिद्धांतों का अनुकरण नहीं कर सकते। जिनमें अपराधी को अपराध करने से रोकना मुख्य उद्देश्य तो है ही, दूसरे को उस प्रकार के अपराध करने से रोकना भी होता है।
लोक अभियोजक राजेश पाठक के अनुसार दोषी किशोर को महिलाओं के लिए आदर्श बन चुकी गायिका लता मंगेश्कर, धाव पीटी उषा, आईपीएस किरण बेदी, राज्यपाल सरोजनी नायडू, वैज्ञानिक कल्पना चावला, पर्वतारोही बछेंद्री पाल, धाविका हिमा दास, मुक्केबाज मेरी कॉम और राजनीति के क्षेत्र में स्व. इंदिरा गांधी, स्व. सुषमा स्वराज आदि जैसे महिला विभूतियों के उल्लेखनीय योगदान से भी लोगों को अवगत कराने का आदेश दिया गया है।
सजाफ्ता किशोर बालिकाओं के शोषण से बचाव और सही गलत की पहचान बतानी होगी।
जिला किशोर न्याय परिषद के सदस्य धर्मेन्द्र कुमार ने बताया कि बाल और किशोर के मामलों में संवेदनशीलता की जरूरत पड़ती है। इस तरह के फैसले से किशोर अपनी नयी जिंदगी का शुरुआत कर सकता है। किशोर लाडली योजना, सुकन्या समृद्धि योजना सहित अन्य कार्यक्रमों की जानकारी भी लोगों को देगा।