बिहारशरीफ/नगरनौसा (संवाददाता) । नालंदा में खुले में शौच मुक्त अभियान को लेकर नालंदा डीएम त्याग राजन एस एम कमर कसे हुए हैं। दिन रात एक किए हुए हैं। रोज किसी न किसी प्रखंड में खुले में शौच मुक्त(ओडीएफ) का हाल जानने देखने स्वयं पहुँच जाते हैं। उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती 2 अक्टूबर को जिले को ओडीएफ जिला घोषित करना है।
जिले के नगरनौसा प्रखंड के महमदपुर गाँव में डीएम के खुले में शौच मुक्त अभियान को ढेंगा दिखा रहे हैं ग्रामीण। यह गाँव हरनौत के विधायक हरिनारायण सिंह का पैतृक गाँव है, जो 1977 से चंडी और हरनौत विधानसभा से कई बार विधायक निर्वाचित होते रहे हैं।
माननीय विधायक हरिनारायण सिंह के इस पैतृक गाँव में एक निजी स्कूल है। इस स्कूल के छात्रावास के बच्चे खुले में शौच मुक्त अभियान को मुँह चिढा रहे हैं। सुबह -शाम अपने हाथ में लोटा लिए ये बच्चे विधायक जी के ही खेत खलिहान में शौच के लिए जाते हैं।
इधर बारिश होने पर ये बच्चे विधायक के घर के ठीक सामने रामघाट से बलबा रोड के किनारे खुले में पैंट खोल कर बैठ जाते हैं। हालांकि गांव की महिलाएं भी, जिनके घरों में शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं है, वे इस सड़क मार्ग के किनारे सुबह-शाम शौच हेतु देखी जा सकती हैं। हालत यह है कि इस मार्ग से दुर्गंध के कारण लोगों को गुजरना मुश्किल हो जाता है।
नालंदा डीएम जिन बच्चों के माध्यम से खुले में शौच मुक्त अभियान का हिस्सा बनाकर जागरूकता रैली निकलवाते रहे हैं। बच्चों के माध्यम से ही गांव -गाँव में जागरूकता फैला रहे हैं। वहीं बच्चे जागरूक नही हो रहे हैं।
लेकिन उन्हें भी क्या दोष देना, जब स्कूल संचालक ही बिना शौचालय के अपनी शिक्षा की दुकान खोल बैठ जाये और विधायक सरीखे जनप्रतिनिधि ही सीएम और डीएम की महात्वाकांक्षी योजना के प्रति लापरवाह बन जाये।
स्कूल संचालक भी इन बच्चों को रोज शौच के लिए खेत खलिहान भेज देते हैं। ऐसा लगता है मानो स्कूल संचालक ओडीएफ के बारे में नही जानते हो या फिर जानकर भी अंजान बना रहना चाहते हो।
खेत खलिहान में शौच करते बच्चों के साथ कभी भी कोई घटना घट सकती है। ऊंची अलंग के दोनों ओर गहरी खाई है, उसमें बच्चे जान जोखिम में डाल कर शौच के बाद धोते नजर आते हैं।