नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ). नालंदा के चंडी स्थित मगध महाविद्यालय के प्रभारी प्राचार्य और कॉलेज प्रबंधन का गजब का कारनामा सामने आया है।
यहाँ कॉलेज के शिक्षकों एवं शिक्षकेतर कर्मचारियों को पिछले तीन साल से वेतन के लाले पड़े हुए हैं, उसी कॉलेज में पिछले दो साल से एक रिटायर्ड शिक्षक को रिटायरमेंट के बाद भी काम पर रखकर दस हजार रूपये का वेतन प्रति माह दे रही है।
लेकिन कॉलेज प्रबंधन के पास अपने नियमित शिक्षकों को वेतन देने के लिए पैसे नहीं है। जबकि कॉलेज में छात्रों की संख्या बढ़ी है, छात्रों की फीस में वृद्धि हुई है, शिक्षकों के रिटायर होने से उनकी संख्या घटी है, लेकिन फिर भी कॉलेज के कर्मचारियों को वेतन नसीब नहीं है।
पिछले तीन साल से वेतन नहीं मिलने तथा नियमित वेतन को लेकर मगध महाविद्यालय के शिक्षकों एवं कर्मचारियों ने प्रभारी प्राचार्य के खिलाफ प्रदर्शन किया तथा जमकर नारेबाजी की।
वेतन की मांग को लेकर कॉलेज कर्मी गणित विभागाध्यक्ष प्रो अर्जुन प्रसाद के नेतृत्व में प्रभारी प्राचार्य के कक्ष के पास धरने पर बैठ गए तथा नारेबाजी की।
धरना -प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे प्रो अर्जुन प्रसाद ने कहा कि कॉलेज के शिक्षकों एवं कर्मचारियों को पिछले तीन साल से वेतन नहीं मिला है। जबकि दो साल से एक रिटायर्ड शिक्षक को रखकर प्रभारी प्राचार्य दस हजार रूपये का वेतन वहन कर रहे हैं। यहां हम सब को वेतन के लाले पड़े हुए हैं।
धरना पर बैठे शिक्षकों ने कहा कि पहले ही हमसब को आशिंक वेतन मिलता है। उस पर तीन साल से वेतन नहीं मिलने से परिवार के समक्ष भूखमरी की समस्या है। जबकि कॉलेज प्रबंधन के पास पैसे की कमी नहीं है। कॉलेज के चंद लोग कॉलेज को अपनी जागिर बनाकर रखें हुए हैं।
कॉलेज शिक्षकों ने बताया कि यहां तक कॉलेज में विश्वविद्यालय के नियमों का अक्षरश: पालन भी होता है।शासी निकाय तथा सरकार की ओर से भी निर्णय दिया गया है कि आमदनी का 70 प्रतिशत राशि खर्च वेतन मद में किया जाए, लेकिन इसका पालन तो दूर शिक्षकों को वेतन भी नहीं मिल रहा है। जबकि कॉलेज में छात्रों की फीस भी बढ़ी है।
इस धरना में प्रो विजय कुमार, अश्विनी कुमार, प्रो शत्रुहन प्रसाद, प्रो कपिल प्रसाद, श्री चंद पंडित, वीरचंद पटेल, एस के प्रभाकर, पंकज कुमार, रामविलास प्रसाद सहित कई लोग शामिल हुए। कर्मचारियों ने ऐलान किया कि जब तक वेतन नहीं मिलेगा, उनकी लड़ाई चलती रहेगी।