“ऐसे ही गुंडों के नाम पर आते रहे हैं सुपर थर्टी में चेक व ड्राफ्ट, धीरे-धीरे खुल रहा है आनंद सर उर्फ रामानुजम क्लासेज की पुरी कलई, अभिनेता ऋतिक रोशन ने दिखा दिया आनंद कुमार सर को आईना”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज/ विनायक विजेता )। कहा गया है कि सच ज्यादा दिन नहीं छुपता। बिहार के पूर्व डीजीपी सह शिक्षाविद अभ्यानंद को सोशल मीडिया पर बदनाम करवाने की साजिश रचने के आरोप में घिरे व पापड़ बेचने से सुपर-30 व रामानुजम मैथेमैटिक्स क्लाससेज खोलने वाले संचालक आनंद कुमार की हकीकत धीर-धीरे सामने आ रही है।
इस मामले में डॉक्यूमेंट्री फिल्म के निर्देशक मुंबई निवासी सुजीत कुमार की शिकायत पर पटना के कोतवाली थाने में दर्ज प्राथमिकी के आलोक में पुलिस का जांच ज्यों-ज्यों आगे बढ़ रहा है, त्यों-त्यों ही कथित गणितज्ञ आनंद कुमार के बारे में कई चौकाने वाले खुलासे हो रहे हैं।
हालांकि पुलिस ने आनंद और उनके गिरफ्तार दो करीबी के बारे में अब तक की हुई जांच का कोई खुलासा तो नहीं किया है, पर पुलिस द्वारा अदालत में अब तक की सौंपी गई अद्यतन रिपोर्ट और साक्ष्य से यह साफ जाहिर हो रहा है कि कथित गणितज्ञ आनंद ने सुपर-30 और रामानुजम मैथेमैटिक्स क्लासेज की आड़ में गुंडो-मवालियों की एक बड़ी फौज का खड़ कर रखा है। कोचिंग कराने के नाम पर आनंद इन्हीं गुंडों-मवालियों के खाते में चेक या डिमांड ड्राफ्ट मंगाते रहे हैं।
गौरतलब है कि इस मामले में पूर्व में कोतवाली पुलिस ने आनंद के एक सहयोगी आदित्य को शराब के नशे में एक देशी कट्टा और कारतूस के साथ गिरफ्तार किया था।
इसी मामले में दूसरी गिरफ्तारी बीते बुधवार को आनंद के एक अन्य सहयोगी जीतेन्द्र कुमार की की गई जिसकी गिरफ्तारी की खबर पाते ही आनंद कोतवाली थाने पहुंच गए और पुलिस हिरासत से अपने सहयोगी जीतेन्द्र को छुड़ाने को छुड़ाने की असफल कोशिश की।
इस दौरान कोतवाली थानाध्यक्ष रामाशंकर सिंह सहित अन्य पुलिसकर्मियों से तो उलझ पड़े ही पुलिसकर्मियों से अभद्रता भी की। पुलिस ने गिरफ्तार जीतेन्द्र कुमार के घर की जब तलाशी ली तो कई चौकाने वाले साक्ष्य पुलिस को मिले।
इन साक्ष्यों को बतौर सबूत पुलिस ने कोर्ट में पेश भी कर दिया है जिनमें से कई साक्ष्य हाथ लगे हैं। इस मामले की गहन पड़ताल से कुछ वैसे ही साक्ष्य हाथ लगे हैं जो कथित गणितज्ञ आनंद का असली चेहरा बेनकाब करने के लिए काफी है।
30 गरीब बच्चों को सुपर-30 में मुफ्त शिक्षादेने का दावा करने वाले आनंद कुमार की वास्तविकता उनके सलाहकार व सहयोगी जीतेन्द्र कुमार के आवास से बरामद कागजातों से पता चलता है। पुलिस को जीतेन्द्र के घर सो कई ऐसे चेक और डिमांड ड्राफ्ट मिले हैं जो जीतेन्द्र के नाम से काटे गए हैं या बनाए गए हैं।
इसके अलावा ऐसी कई एजेंसियों के मनी रिसीप्ट भी पुलिस को मिले हैं जिसके भूगतान में आनंद कुमार और सुपर-30 का जिक्र है। जीतेन्द्र का पूर्व से भी अपराधिक इतिहास रहा है। पुलिस को उसके घर से मिले साक्ष्य में कई सबूत मिले हैं। इनमें बंगाल सहित कई जगहों से उसपर आपराधिक नोटिस तो जारी हुआ ही, कई आपराधिक मामलों में वह जमानत पर है।
देश-विदेश में कथित रुप से चर्चित हुए आनंद को अवैध हथियार रखने वाले दारुबाज और पूर्व से ही अपराधिक इतिहास वाले आदित्य व जीतेन्द्र कुमार जैसे सहयागियों की आखिर क्या जरुरत पड़ गई?
कथित रुप से देश-विदेश में विख्यात गणितज्ञ जब खुद अपराधियों का संरक्षणदाता और उसका पालक हो तो वह अपने शैक्षणिक संस्थान में बच्चों को क्या शिक्षा देगा इसका सहज ही अनुमान या आकलन किया जा सकता है।
सूत्र बताते हैं कि आनंद की हकिकत, चरित्र और इस वर्ष सुपर-30 के असफल परिणाम के बारे में जानकारी पाकर ही चर्चित फिल्म अभिनेता ऋतिक रोशन ने आनंद और सुपर-30 से पासआऊट बच्चों के साथ मुंबई स्थित अपने आवास पर आयोजित भोज कार्यक्रम को रद्द कर आनंद को आईना दिखा दिया। जबकि आनंद ने अपने ट्यूटर एकाउंट सहित सोशल मीडिया के कई प्लेटफार्म से इस भोज को प्रचारित कर वाहवाही लूटी थी।
आनंद का असली चेहरा और चरित्र तो तब ही उजागर हो गया था, जब वो अपने एक अपराधी सहयोगी जीतेन्द्र को छुड़ाने के प्रयास के लिए कोतवाली थाना पहुंच हंगामा खड़ा कर चुके थे।