सरिया,गिरीडीह (आसिफ अंसारी)। पार्श्व अंतर्राष्ट्रीय विश्वविद्यालय प्रबंधन समिति की बैठक शुक्रवार को विश्वविद्यालय मीडिया सेल के सहायक प्रभारी के सरिया स्थित कार्यालय में सम्पन हुआ। जिसमें पूर्व की बैठक के साथ साथ अबतक के कार्यों की समीक्षा की गई लगभग सभी बिन्दुओ पर बात हुई जिसमे खासकर विश्वविद्यालय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुवे तात्कालीन मुख्यमंत्री और राज्यपाल से मिलकर ज्ञापन सौपने की बात कही गयी।
मिडिया सेल के प्रभारी राजेंद्र प्रसाद वर्मा ने बताया विश्वविद्यालय स्थापना को लेकर बुद्धिजीवियों का एक समूह शिक्षाविद दिनेश्वर वर्मा की अगुवाई में 24 दिसंबर 2016 को पहली बार गिरीडीह के अशोका होटल में एकत्रित हुए थे, जिसमें उच्च शिक्षा की आवश्यकता पर चर्चा हुआ था।
उक्त बैठक में गिरिडीह जिले समाज सेवी, शिक्षा क्षेत्र से जुड़े लोग, उद्योगपति व जनप्रतिनिधि ने भी भाग लिया और अपने विचार रखे। जिसमें सभी लोगों ने एक स्वर में स्वीकारा की जिले में उच्च शिक्षा का संचार के लिए विश्वविद्यालय की अत्यंत आवश्यकता है।
तत्पश्चात पार्श्व अंतर्राष्ट्रीय चैरिटेबल ट्रस्ट (रजि.) का गठन कर इसकी कवायद शुरू की गई।चंद दिनों में ही इस ट्रस्ट ने अपने सारे दस्तावेज तैयार कर लिए। जिसमें ट्रस्ट रजिस्ट्रेशन,बैंक एकाउंट ,पैन कार्ड ,वेबसाइट आदि तैयार कर लिए। ट्रस्ट का एक डेलिगेट रणधीर कुमार नमन फाउंडेशन NGO के अध्यक्ष की अगुवाई में रांची में 16-17 फरवरी को आयोजित ‘मोमेंटम झारखंड ‘ ग्लोबल इन्वेस्टर सम्मिट में भी भाग लिया। जिसमें शिक्षा विभाग और स्वास्थ्य विभाग से MOU साइन होने पर सहमति बनी।
विश्विद्यालय स्थापना के लिए पर्याप्त जमीन उपलब्ध कराने हेतु गांडेय विधायक जय प्रकाश वर्मा ,गिरीडीह विद्यायक निर्भय कुमार शाहबादी, गिरीडीह नगर पार्षद दिनेश यादव , गिरीडीह कॉलेज छात्र संघ विपुल वर्मा, बिरनी से संचालित समाज सेवी संस्था अर्पण फाउंडेशन की ओर से संस्था अध्यक्ष राजेन्द्र प्रसाद वर्मा आदि सभी लोगों ने पत्र लिख कर जमीन उपलब्ध कराने को माननीय मुख्य मंत्री से आग्रह किया ।
नक्सल प्रभावित गिरीडीह जिले में शिक्षा के गिरते स्तर को ऊपर उठाना व आम जनता को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा उपलब्ध कराना विश्वविद्यालय का उद्देश्य है। खासकर लैंगिक समानता हेतु महिला शिक्षा को ध्यान में रखकर 50% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित रखा गया है । जिससे किसी को भी उच्च शिक्षण संस्थान में भारी कमी और निरंतर शिक्षा में बढ़ते महंगाई के कारण उच्च शिक्षा को बीच में रोकना ना पड़े। इस विश्वविद्यालय की स्थापना यहाँ के स्थानीय लोगों को विश्वस्तरीय शिक्षा व पारसनाथ / पार्श्वनाथ की भौगोलिक , सांस्कृतिक पहचान को अछून्न बनाये रखने व अहिंसा के आदर्श को पूरे विश्व मे स्थापित करने हेतु सेवार्थ की जा रही है।
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