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किसानों ने उचित मूल्य की मांग को लेकर नेशनल हाइवे को किया हाइजैक

हरनौत, नालंदा (रवि कुमार)। संघर्षशील किसान मजदूर संघ के आह्वाहन पर जिले के कई प्रखंडों के किसान अपने विभिन्न मांगों को लेकर सोमवार को साढ़े नौ बजे से प्रखंड मुख्यालय स्थित चंडी मोड़ पर  एनएच 31 एवं एन एच 30 ए को करीब छह घंटे पूरी तरह जाम कर दिय।बीच सड़क पर ही सीएम एवं पीएम का अर्थी सजाया गया। जाम के दौरान वाहनों का परिचालन पूरी तरह ठप रहा। वहीं शव वाहन एवं एम्बुलेंस को जाम से मुक्त रखा गया। प्रदर्शनकारी केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार के खिलाफ किसान विरोधी नीति को लेकर  जय  जवान जय किसान का नारा लगा रहे थे।

harnaut nalanda 2 संघ के अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण सिंह ने बताया कि किसान आज गरीबी की मार झेल रही है।उसका दुखड़ा सुनने वाला कोई नहीं है। किसानों के उत्पाद को आज कोई खरीदने वाला नहीं है ।अन्नाज का कीमत दस पंद्रह वर्ष पूर्व वाला हो गया है।जिससे किसान अपने बच्चों को पढ़ाई की फीस भी नहीं दे रहा है। इसके लिये केंद्र और राज्य सरकार दोनों दोषी है। किसानों के लिये प्रखंड स्तर पर एक क्रय केंद्र खोलने का भी मांग कर रहे थे। साठ वर्ष के ऊपर वाले किसानों को अन्नदाता पेंशन योजना देने का मांग किया.जाम को देखते हुए पुलिस को सुबह  से ही बाजार में कई जगहों पर तैनात कर दी गई थी। कार्यक्रम के अंत में संघ के प्रतिनिधिमंडल के द्वारा डीडीसी को ज्ञापन सौंपा गया। डीडीसी से आश्वासन  मिलने के बाद किसानों ने जाम तोड़ा।

बिहार शरीफ में छात्रों के द्वारा स्टेशन पर हुई भयावह घटना से पुलिस एहतियात बरत रही थी। पुलिस किसी भी अप्रिय घटना से निबटने के लिये एहतियात के तौर पर बड़ी संख्या में एसएसबी के जवान तैनात कर रखे थे। हालांकि किसी भी प्रकार की अशांति देखने को नहीं मिला। किसान शांतिपूर्ण आंदोलन कर रहे थे। किसी भी प्रकार का कोई अप्रिय घटना नहीं घटी।

प्रदर्शन के दौरान किसानों और अधिकारियों के बीच झड़प भी हुई। झड़प उस समय हुआ, जब एसडीओ अरुण कुमार एवं एसडीपीओ निशित प्रिया ने किसानों को जाम हटाने को लेकर समझाने गए थे। किसान मुन्ना कुमार ने मांग करते हुए अधिकारियों से कहा कि किसानों को करने वाला कोई नहीं है। नौकरी वाले हड़ताल कर अपनी मांग पूरी कर लेता है। जबकि किसान बेजुबान पशु की तरह चुप रहता है। सरकार के किसान विरोधी नीति के कारण ही आज किसान खेत के बजाय सड़क पर है। इस पर अधिकारी भड़क गए और नौकरी कर लेने की बात कही। अधिकारी ने जबरन जाम हटवाना चाहा, जिसपर किसान भड़क गए और नीतीश कुमार ,नरेंद्र मोदी मुर्दाबाद का नारा लगाने लगे।बाद में पहुंचे डीडीसी एवं किसानों के बीच भी बहस हुआ।

संघर्षशील किसान मजदूर संघ के द्वारा चक्का जाम के दौरान झारखंड के जज भी फंसे दिखे। वे लगभग जाम में आधे घंटे तक फंसे रहे। बाद में स्थानीय लोगों के द्वारा बताए जाने पर दूसरे मार्ग से वापस अपने गंतव्य तक जा सके। वे अपने परिवार के साथ  बख्तियारपुर थाने के सवनिमा गांव जा रहे थे।

1974 जेपी आंदोलन के आंदोलनकारियों  ने सोमवार को काला दिवस मनाया।वे किसान संघ के द्वारा आयोजित चक्का जाम कार्यक्रम को समर्थन करते हुए  चंडी मोड़ पर एन एच 31 एवं एनएच 30 ए को जाम करते हुए अंतिम समय तक डटे रहे।  जेपीआंदोलनकारी रंजीत सिंह ने बताया कि सरकार की दोरंगी नीति के कारण किसान आज सड़क पर है। ये दुर्भाग्य पूर्ण बात है कि भगवान कहे जाने वाले अन्नदाता ही सड़क पर उतरे हैं।

संघ के सदस्यों ने बताया कि संघर्षशील किसान मजदूर संघ के द्वारा चक्का जाम कार्यक्रम स्थगित करने को लेकर प्रखंड स्तर के अधिकारियों ने संघ के सदस्यों को पच्चीस जून के शाम साढ़े चार बजे को थाने पर बुलाया गया, जहाँ करीब चार घंटे तक कार्यक्रम  स्थगित करने को लेकर बैठक चली। जिसमें मनीष कुमार, चंद्रउदय कुमार, विरिंद सिंह, सत्येंद्र सिंह, ब्रजकिशोर सिंह शामिल हुए।

वहां से बात बनते न देख सभी लोगों को वाहन में बिठाकर जिला अधिकारी के पास ले जाया गया। वहाँ भी आधे घंटे तक बैठक हुई। अधिकारियों ने कार्यक्रम रोकने को लेकर धमकी भी दी। साथ ही रात में प्रखंड के सिरसी गांव में प्रशासन एवं संघ के सदस्यों के साथ बैठक किया। बारह बजे रात संघ के सदस्यों को छोड़ा गया। संघ के सदस्य ने बताया कि प्रशासन ने कहा कि आप लोग आंदोलन  से हट जाएं। जिसके कारण सभी बंधक बनाए गए सदस्य प्रशासन के तरफदारी में दिखे। उन्होंने बताया कि बंधक बनाने से प्रचार प्रसार की कमी होगी।

संघर्षशील किसान मजदूर संघ के आह्वाहन पर किसानों ने प्रखंड के कई जगहों पर सड़क जाम किया।जिसमें कल्याणविगहा, हरनौत मोड़ एवं तेलमर शामिल रहा। वहाँ भी वाहनों का लंबा लाइन लगा रहा।

कार्यक्रम के अंत में किसान कार्यकर्ताओं के द्वारा सीएम नीतीश कुमार एव पीएम नरेंद्र मोदी का पुतला फूंका गया एवं लाठी डंडे से पिटाई की गई। ये पहली घटना है ,जहाँ सीएम अपने गृह प्रखंड मुख्यालय में ही किसानों के द्वारा उनका पुतला दहन करते हुए पिटते दिखे।

तेलमर में जाम कर रहे दर्जनों किसानों को तेलमर ओपी पुलिस के द्वारा गिरफ्तार किया गया। जिसे बाद में छोड़ दिया गया।

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