एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के चंडी थाना पुलिस का एक बार फिर बेईमान चेहरा सामने आया है। पुलिस को हिलसा कार्यपालक दंडाधिकारी के आदेशानुसार न्यायालाधीन भूमि पर वस्तुस्थिति कायम रखने और जांच रिपोर्ट देनी थी, लेकिन पुलिस उल्टे आरोपी को दो दिन के भीतर स्थल को खाली करने का निर्देश देकर लौट आई।
विगत 26 जुलाई को कार्यालय पत्रांक 110/118 द्वारा हिलसा न्यायालय कार्यपालक दंडाधिकारी लालिमा कुमारी ने चंडी थाना प्रभारी को वाद संख्या-25 एमपी/213एम/2015 सियाशरण प्रसाद वनाम नरेन्द्र कुमार वगैरह के मामले में निर्देश दिया था।
वादी सियाशरण प्रसाद ने हिलसा अनुमंडल पदाधिकारी सृष्टि राज सिन्हा से लिखित शिकायत की थी कि एक तरफ न्यायायल में मामला चल रहा है, वहीं विरोधी पक्ष ने नगरनौसा अंचलाधिकारी द्वारा सीमांकित भूमि पर ओडीएफ के तहत शौचालय बना लिया है और उसके चारो तरफ घेराबंदी करने में जुटे हैं। वर्तमान में ईंट-बालू गिरा कर उस पर पक्का निर्माण कराने की तैयारी में है।
इस शिकायत पर एसडीओ श्री सिन्हा ने त्वरित कार्रवाई करते हुये चंडी थानाध्यक्ष मुकेश कुमार को मामले को गंभीरता से लेने का निर्देश दिया, लेकिन वे तीन दिनों तक कोई सुध नहीं ली। उसके बाद बताया गया कि थाना में पदास्थापित एसआई मुकेश चौधरी को मामला सौंप दिया गया है।
इसके बाद श्री चौधरी मोटरसाईकिल से एक चौकीदार के साथ गये और आरोपी को विवादित भूमि से ताजे अतिक्रमण को दो दिन के भीतर हटा लेने की सलाह देकर लौट आये। दारोगा चौधरी ने आरोपी को यह भी कहा कि दो दिन में सब कुछ साफ करते हुये थाना में आकर मिलो।
इस तरह से साक्ष्य मिटाने की सलाह देने से उनकी कार्यशैली व ईमानदारी पर सीधा सवाल उठना स्वभाविक है। उधर पुलिस के इस तरह की गैरकानूनी कार्यशैली से निराश वादी फिर से वरीय पदाधिकारी से गुहार की तैयारी में है।