“एक्सपर्ट मीडिया न्यूज की खबर का असर हुआ और राजनगर थाना में नाबालिग की शादी कराए जाने के मामले में एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने बड़ी कार्रवाई करते हुए थाना प्रभारी यज्ञ नारायण तिवारी को किया लाइन क्लोज कर दिया है और अवर निरीक्षक अनिल कुमार ओझा सस्पेंड।
उधर दोनों पुलिस अधिकारियों के विरुद्ध विभागीय कानूनी कार्रवाई शुरू हो गया है। सबसे पहले एक्सपर्ट मीडिया ने इस प्रकरण का खुलासा किया था, ईधर जांच का भी एक्सपर्ट मीडिया ने स्टिंग कराया था और रिपोर्ट से पहले खुलासा कर दिया था।
इधर खुलासे के बाद एसपी ने बीती देर रात 12:30 में कार्रवाई की है। उधर आज झारखंड महिला आयोग के अध्यक्ष कल्याणी शरण आज राजनगर पहुंच कर मामले की पड़ताल के साथ सरायकेला पुलिस-प्रशासन के साथ शीर्ष बैठक करेंगी।
झारखंड के सरायकेला खरसावां जिले का राजनगर थाना इन दिनों चर्चा का केंद्र बिंदु बना हुआ है। जहां पिछले दिनों थाना परिसर में कस्तूरबा गांधी आवासीय विद्यालय की नाबालिग छात्रा की शादी कराई गई थी।
वैसे सबसे पहले इस खबर को एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ने ही दिखाया था। हालांकि शादी के सत्रह दिनों बाद एक्सपर्ट मीडिया के हाथ यह सनसनीखेज मामला लगा और हमने इस खबर की पूरी पड़ताल भी की।
वैसे इस पूरे घटनाक्रम का मेन विलेन जैसा कि हमने पहले भी कहा था कि लड़की का चाचा है। लेकिन राजनगर थाना पुलिस 15 हजार रूपए के लिए कानून का कत्ल करने से भी नहीं चूकी।
वैसे मीडिया में खबरें आते ही प्रशासनिक महकमा इस मामले की सच्चाई जानने में जुट गई है। सरायकेला- खरसावां एसपी ने पूरे मामले की जांच डीएसपी हेडक्वार्टर से कराने की बातें कहीं। है।
हालांकि जांच रिपोर्ट को अभी गोपनीय रखा गया है। चूंकि एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ने इस खबर को अपने दम पर दिखाया था औऱ दावा किया था कि राजनगर थाने में कानून की धज्जियां उड़ाई गई है।
इसलिए हमने वह स्टींग भी किया, जिसमें डीएसपी हेडक्वार्टर की जांच से साफ खुलासा हो गया है कि वास्तव में क्या हुआ था। आइए सबसे पहले सुनते हैं, नाबालिग छात्रा से पूछ- ताछ के कुछ अंश……
……तो सुना उस दिन यानि 10 नवंबर को राजनगर थाने में क्या हुआ था। क्या डीएसपी को उनके सवालों के जवाब मिल गए हैं….। क्या अब इस रिपोर्ट के बाद और कोई जांच कराने की आवश्यकता है…। क्या अब भी नाबालिग छात्रा के चाचा के साथ थानाध्यक्ष को सलाकों के पीछे नहीं होना चाहिए…। क्या राजनगर थानेदार और थाना के अन्य ऑन ड्यूटी कर्मचारी दोषी नहीं…।