” यहाँ कागज़ात को भी सुरक्षित रखने का कोई समुचित प्रबंध नही है। जिसकी वजह से कागजात पर चूहे महाराज की नजर इनायत है। चूहे अब तक कई महत्वपूर्ण दस्तावेज को कुतर कर उसका अस्तित्व भी मिटा चुके हैं। सबसे ज्यादा परेशानी लोगो को बरसात के मौसम में खपरैल छत से पानी गिरने से हो रहा है । पानी गिरने से किसानों के खेत से सम्बंधित जरूरी दस्तावेज भी बर्बाद हो रहे है।”
पंचायती राज व्यवस्था में सरकार एक ओर भव्य पंचायत राज्य सरकार भवन का निर्माण कर रही है तो वही दूसरी ओर पंच परमेश्वर का भवन बदहाल और जर्जर हालत में है। हालत इतनी खस्ता की पता नही कब दम तोड़ दे। भवन इतना ज्यादा जर्जर हो चुकी है कि कभी भी कोई अचानक अप्रिय हादसा हो सकती है। लेकिन आज भी अंचल राजस्व कचहरी जर्जर हलात में होने के बावजूद भी अपनी अंतिम सांस जोड़-जोड़ कर प्रखंड के किसानों के सेवा के लिए हमेशा त्तपर्य खड़ी है।
नगरनौसा के इस जर्जर कचहरी में फिलहाल अंंचल के किसानों का कार्य किया जाता है। रसीद कटाई से लेकर दाखिल खारिज तक सभी कार्य किया जा रहा है। इस कार्यालय से सरकार को प्रति वर्ष लाखों रुपये का राजस्व प्राप्त होता है । लेकिन आज यह खुद बदहाल है। यहाँ न पानी है और नही शौचालय की कोई व्यवस्था।
सबसे बड़ी विडंबना यह है कि यहाँ कागज़ात को भी सुरक्षित रखने का कोई समुचित प्रबंध नही है। जिसकी वजह से कागजात पर चूहे महाराज की नजर इनायत है। चूहे अब तक कई महत्वपूर्ण दस्तावेज को कुतर कर उसका अस्तित्व भी मिटा चुके हैं। सबसे ज्यादा परेशानी लोगो को बरसात के मौसम में खपरैल छत से पानी गिरने से हो रहा है । पानी गिरने से किसानों के खेत से सम्बंधित जरूरी दस्तावेज भी बर्बाद हो रहे है। अंचल राजस्व कचहरी मे कार्यत कर्मचारी किसी भी तरह प्लास्टिक लगा कार्यालय चलाया जा रहा है। कर्मचारी अपने जान जोखिम में डाल किसानों का कार्य भगवान भरोसे करते आ रहे हैं ।
खेत का मालगुजारी रसीद कटाने आये किसान सुनील कुमार, रामाशीष प्रसाद, विनोद प्रसाद, मनीष कुमार, रंजीत कुमार, अम्ब्रेश भारती सहित दर्जनों किसान ने बताया कि अंचल राजस्व कचहरी बर्षो से जजर्र हो चुका है। यह कभी भी गिर सकता है।
वेशक, आज लाखों रुपया का प्रति वर्ष सरकार को राजस्व देने वाली कचहरी आज खुद बदहाल है। आज नगरनौसा में एक तरफ कई जर्जर सरकारी भवन आलीशान हो गए, लेकिन अंचल को राजस्व देने वाली राजस्व कचहरी आज भी अपने भाग्य को कोस रही है। आखिर कब इस कचहरी भवन का कायाकल्प होगा । इस राजस्व कचहरी के उद्धार के लिए एक उद्धारक की जरूरत है।