Home देश आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र है हिलसा की श्री बड़ी दुर्गा स्थान

आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र है हिलसा की श्री बड़ी दुर्गा स्थान

” सहयोग से हर वर्ष की जाती है मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना, नरसिंह प्रसाद द्विवेदी ने 95 वर्ष पहले की थी पूजा की शुरुआत”

हिलसा (चन्द्रकांत)। शहर स्थित बड़ी दुर्गा स्थान आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र है। यहां हर साल सहयोग से ही मां दुर्गा की प्रतिमा का स्थापना किया जाता रहा है। यहां दुर्गापूजा की शुरुआत आज से करीब 95 साल पहले शहर दारोगाकुआं निवासी नरसिंह प्रसाद द्विवेदी ने की थी।

चर्चाओं के मुताबिक धार्मिक विचार वाले श्री द्विवेदी मंदिर निर्माण के लिए न केवल अपनी जमीन दान में दी बल्कि मां दुर्गा की एक छोटी प्रतिमा स्थाई पूजा के लिए कर दी। इसी प्रतिमा के बगल में हर साल मां दूर्गा की प्रतिमा की स्थापना की जाने लगी।

ma durga hilsa 1हिलसा में सबसे पहले स्थापित किए जाने से ही यह मंदिर न केवल लोगों के बीच आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र बन गया बल्कि लोग इसे श्री बड़ी दुर्गा स्थाना का दर्जा भी दे दिया। इसके बाद हिलसा शहर में कई अन्य स्थानों पर भी दुर्गापूजा के मौके पर मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना की जाने लगी, जिसकी संख्या दिनों-दिन बढ़ती ही जा रही है।

मां बड़ी दुर्गास्थान में मां दुर्गा की प्रतिमा की स्थापना का सबसे बड़ा खासियत ‘आपसी सहयोग’ है। इसके लिए बजाप्ता एक कमिटि गठित है। इस कमिटि के संरक्षक जमीनदाता नरसिंह प्रसाद द्विवेदी के पुत्र प्रो राजेश्वर प्रसाद द्विवेदी हैं।

कमिटि के सदस्य घर-घर जाकर चंदा की ऊगाही करते हैं। चंदे से ऊगाही किए गए रुपये से सिर्फ कारीगर के पारिश्रमिक का भुगतान किया जाता है।

मां दुर्गा की प्रतिमा का साज-सज्जा कमिटि के अध्यक्ष सुरेश प्रसाद तथ मां के सभी वस्त्र की व्यवस्था कमिटि के मंत्री रामानंद गुप्ता करते हैं। जबकि दुर्गापूजा के दौरान ब्राह्मण भोज की व्यवस्था कमिटि के उपाध्यक्ष अर्जुन प्रसाद विश्वकर्मा तथा कन्या कुमारी भोज व वस्त्र की व्यवस्था कमिटि के गोपाल प्रसाद वर्मा करते हैं।

इसी प्रकार मां दुर्गा की पूजा-अर्चना में घी और हुमाद की व्यवस्था कारोबारी सत्यनारायण प्रसाद जयसवाल करते हैं। आपसी सहयोग से स्थापित होने वाले इस प्रतिमा के दर्शन और पूजन के लिए हर साल श्रद्धालुओं की भारी-भीड़ उमड़ती है। मंदिर के निकट उमड़ने वाली भीड़ को काबू करने के लिए पुलिस-प्रशासन को काफी मशक्कत करनी पड़ती है।

error: Content is protected !!
Exit mobile version