“वैशाली के ताजा मामले ने उन्हें फिर से सवालों के घेरे में खड़ा कर दिया है……..”
हालांकि बिहार में नशा-विमुक्ति के लिए डीजी के नेतृत्व में निकाली गई यह रैली तो प्रशंसनीय और सकारात्मक संदेश देने वाला था पर बिना हेलमेट मोटरसाइकिल की सवारी एक नकारात्मक संदेश भी दे गया।
गौरतलब है कि इसके पूर्व बहुचर्चित मुजफ्फरपुर बालिका अल्पावास गृह के संचालक सह कथित पत्रकार ब्रजेश ठाकुर के साथ तस्वीर के कारण गुप्तेश्वर पांडेय पर अंगुलियां उठी थीं।
मुजफ्फरपुर निवासी हेमंत कुमार नामक एक व्यक्ति ने ‘लोक शिकायत कोषांग’ में इसकी शिकायत करते हुए यह कहा है कि एक जिम्मेवार पद पर बैठे पुलिस पदाधिकारी सुप्रीम कोर्ट और वाहन अधिनियम के आदेशों का अगर खुद उलंघन करते हों तो आम लोगों और दुपहिया वाहन चालको पर इसका क्या असर पड़ेगा?
लोक शिकायत कोषांग ने इस मामले पर आगामी 14 सितम्बर को सुनवाई की तिथि निर्धारित की है।