एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (जयप्रकाश)। बिहार प्रदेश के वर्तमान डीजीपी पीके ठाकुर 28 फरवरी को रिटायर्ड हो रहे हैं। उनके रिटायर्ड होने पर मंगलवार को एक विदाई समारोह भी आयोजित की जा रही है। लेकिन उनके रिटायरमेंट के बाद बिहार का नया डीजीपी कौन होगा। इसको लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।
पॉलिटिक्ल कॉरिडोर में हर पल कोई नए नाम को लेकर अटकलें लग जा रही है।फिलहाल डीजीपी के दौड़ में जिन नामों को लेकर चर्चा चल रही है। उनमें कई महत्वपूर्ण नाम उभर कर सामने आ रहा है।
इस दौड़ में फिलहाल आईबी में संयुक्त निदेशक एके वर्मा के नाम की चर्चा जोरों पर है। वहीं डीजी प्रशिक्षण एस द्विवेदी, निगरानी से रवीन्द्र कुमार तथा डीजी भवन निर्माण से सुनील कुमार भी दौड़ में आगे दिख रहे हैं ।
बिहार की गिरती कानून व्यवस्था को दूर करने की सबसे बड़ी चुनौती सीएम के समक्ष है। सीएम भी चाहेंगे कि इस पद पर ऐसे व्यक्ति को लाया जाय, जो बिहार की कानून व्यवस्था को सुदृढ़ कर सकें।
सीएम ने कई मौके पर डीजीपी पीके ठाकुर की प्रशंसा की है। जबकि बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर विपक्ष हमेशा उन्हें घेरती रही, लेकिन उन्होंने पीके ठाकुर के कामकाज में कभी दखल नहीं दी। शायद वे भी पीके ठाकुर की तरह कोई चेहरे की तलाश में हैं ।
फिलहाल बिहार में कुछ घंटों में नए डीजीपी की घोषणा हो जाएगी लेकिन नए डीजीपी को लेकर संशय बरकरार है। लेकिन जो खबर उभर कर सामने आ रही है, उनमें एक नाम एके वर्मा का भी है। बिहार के मिथिलाचंल से आने वाले एके वर्मा 1984 बैच के आईपीएस हैं। फिलहाल वे आईबी में संयुक्त निदेशक हैं। सीएम नीतीश कुमार भी इनके प्रशासनिक कुशलता से प्रभावित रहे हैं।
ऐसा बताया जा रहा है कि सीएम अपने जापान दौरे से पहले एके वर्मा से औपचारिक भेट भी की थीं।
सीएम के सामने सिर्फ़ नए डीजीपी के चुनाव की ही चुनौती नहीं है। बल्कि बिहार की कानून व्यवस्था को बनाए रखने और आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव की भी चुनौती होगी।
सीएम चाहेंगे कि डीजीपी जो भी बनें कम से कम वह 2020 विधानसभा चुनाव तक पद पर बने रहें। इसके अलावा डीजीपी के चयन में चुनावी गणित भी मायने होंगे।
बहरहाल नए डीजीपी के चयन में चंद घंटे बाकी है।देखना है कि बिहार का नया डीजीपी कौन होगा? इंतजार रहेगा।