“अंततः ‘मुजफ्फरपुर महापाप’ प्रकरण से देश -विदेश में बिहार की छवि धूमिल होने के बाद बिहार के सीएम नीतीश कुमार पहली बार अपनी खामोशी तोड़ते हुए बहुत कुछ बोले।”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो )। सीएम नीतीश कुमार पटना में कन्या उत्थान योजना के शुभारंभ कार्यक्रम में मुजफ्फरपुर की घृणित घटना पर पहली बार अपनी खामोशी तोड़ी उन्होंने कहा, ‘मुज़फ्फरपुर की इस घटना से हम शर्मसार हैं। हमें आत्मग्लानि होती है। हमलोग तो ये चाहते हैं कि सीबीआई की जांच उच्च न्यायालय की निगरानी में हो। उन्होंने कहा कि इस मामले के जो भी दोषी होंगे उन्हें बख्शा नहीं जाएगा’।
उन्होंने बिहार की जनता को आश्वस्त करते हुए कहा, ‘किसी को चिंता करने की जरुरत नहीं है। इस घटना के दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी। कानून अपना काम करेगा। मुझे इस घटना को लेकर बहुत बहुत पीड़ा है’।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘इस घटना पर समाज कल्याण विभाग का सिस्टम सुधारना जरूरी है। देखना चाहिए कि कैसे ऐसे लोग आ जाते हैं? ये घृणित घटना है, ये पाप हुआ है। उन्होंने कहा कि मुख्य सचिव दीपक कुमार और समाज कल्याण विभाग के प्रधान सचिव अतुल कुमार से लगातार पूरे मामले की जानकारी ले रहे हैं’।
सीएम ने कहा कि मुख्य सचिव को निर्देश दिया गया है कि वो इस मामले में हाई कोर्ट की मॉनिटरिंग में जांच कराने के लिए जो भी जरूरी है, वो कदम उठाएं।
उन्होंने कहा, ‘इस तरह की शर्मनाक घटना को रोकने के लिए हमें ऐसा तंत्र विकसित करना चाहिए जिसमें सबकुछ पारदर्शी हो। इस पर हम सबको सोचने की जरूरत है। पूरे तंत्र को बदलने की जरूरत है ताकि भविष्य में कोई ऐसी हिम्मत ना कर सके। मुझे तो इस मामले पर बात करने में शर्म आ रही है। इस घटना से पूरे बिहार की बदनामी हुई है। सिस्टम को सुधारना जरूरी है’।
सीएम नीतीश कुमार ने विपक्ष पर भी निशाना साधते हुए कहा कि इस घटना को लेकर राजनीति नहीं होनी चाहिए। किसी भी दोषी के खिलाफ सरकार उदारता नहीं बरत रही है।
इधर सीएम के इस बयान के बाद विपक्षी दलों ने उन पर तंज कसते हुए कहा है कि मुजफ्फरपुर की इतनी बड़ी घटना के बाद भी समाज कल्याण मंत्री को सरकार मंत्रिपरिषद में रखें हुए है। सीएम की नैतिकता कहाँ गई। सिर्फ़ विपक्ष के नेताओं से इस्तीफा की मांग करेंगे या अपने मंत्री को भी हटायेगें।