“366 कर्जदारों और संबंधित बैकों के बीच हुआ समझौता, दो करोड़ 61 लाख के समझौते राशि में से 43 लाख की हुई वसूली, अपराधिक के 34 और बिजली विभाग के पांच मामले भी हुए निष्पादित”
हिलसा (चन्द्रकांत)। कोर्ट परिसर में शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह के आधार पर चार सौ पांच मामलों को निष्पादित किया गया। निष्पादित मामलों में सर्वाधिक बैंक और कर्जदारों से जुड़ा हुआ मामला शामिल है।
इसके अलावा चौंतीस अपराधिक तथा बिजली विभाग के पांच मामले भी निष्पादितों की सूची में शामिल है।
राष्ट्रीय लोक अदालत में सुलह के आधार पर मामले को निष्पादित करने के लिए अहले सुबह से ही लोगों की आवाजाही कोर्ट परिसर में होने लगी थी।
अपर जिला जज एसके पांडेय और एसडीएलए के सचिव दीवेश कुमार अदालत की कार्यवाही पर पैनी नजर रखे हुए थे।
अपर जिला जज सुभाष चन्द, एसीजेएम इंद्रजीत सिंह तथा अजय कुमार मल्ल पीठासीन पदाधिकारी के रुप में मामलों की सुनवाई शुरु की। मामले की सुनवाई शुरु हुई वैसे ही लोगों में अपने-अपने मामले को निष्पादित कराने की होड़ मच गई। सर्वाधिक भीड़ विभिन्न बैंक से जुड़े कर्जदारों की थी।
कर्जदारों में से तीन सौ छियासठ कर्जदार और बैंको के बीच दो करोड़ इससठ लाख सात हजार तीन सौ उनहत्तर रुपये में समझौता हुआ।
इस समझौते राशि में से बयालीस लाख इक्कतीस हजार पांच सौ पच्चीस रुपये कर्जदारों द्वारा संबंधित बैंको में तत्काल जमा कराया गया। शेष राशि को जमा करने के लिए कर्जदारों को एक माह का वक्त दिया गया।
इसके अलावा आपसी सुलह के आधार पर अपराधिक उनचालीस में से चौंतीस मामले को निष्पादित किया गया। बिजली विभाग से जुड़े पांच मामलों का निष्पादन आपसी सुलह के आधार किया गया, जिसमें बिजली विभाग को छत्तीस हजार तीन सौ पच्चीस रुपये की बकाया राशि की वसूली हुई।
मामले की सुनवाई में अधिवक्ता इंदु कुमारी, नरेश प्रसाद, आशा कुमारी, अनिल कुमार, सीमा कुमार, सुमन शर्मा के अलावा अनुमंलीय विधिक सेवा प्राधिकार से जुड़े कर्मी नवल शर्मा, मंतोष पासवान, विजय कुमार सिंहा, धनंजय कुमार, अलेन शरण किशोर, विशाल कुमार, मुकेश कुमार, चंदर कुमार, मो. नेमुतुल्लाह, विजय शंकर, प्रवीण कमल, सुरेन्द्र कुमार, बृजलाल पासवान एवं ओम प्रकाश सहयोगशील रहे।
पहली बार लोक अदालत में पहुंचे रीजनल मैंनेजर
लोक अदालत में आपसी सुलह के आधार पर मामलों की सुनवाई चल रही थी।
इसी बीच एसबीआई के रीजनल मैंनेजर चन्द्र भूषण कुमार सिंह अचानक पहुंच गए।
उच्चाधिकारी को अदालत में देख एसबीआई के अधिकारी और कर्मी काफी खुश दिखे।
अदालती प्रक्रिया देखने के बाद रीजनल मैंनेजर न्यायिक पदाधिकारियों से भी मिले।