इस समस्या के समाधान हेतु वहाँ के किसान सरकार व जिला प्रशासन को कई तरिको से अपना विरोध जताया , ट्रेन रोकने से लेकर सामुहिक वोट वहिष्कार तक किया गया । फिर भी जव समस्या का समाधान नही हुआ तो कमलता जनकल्याण संस्थान के सचिव सिकन्दर यादव के पहल पर उच्च न्यायालय पटना में जानहित याचिका दायर किया गया।
न्यायालय ने इसे गंभीरता से लेते हुएे वहाँ पक्का नाला बनाने का आदेश दिया I 450 मी० पक्का नाला वनाया भी गया, लेकिन इसे गाँव के मघ्य भाग मे ही अधुरा वना कर छोड़ दिया । जव इस वात को न्यायालय को अवगत कराया गया तो पुनः पक्के नाले को 200 मी० और वढ़ाने का आदेश दिया । जव समय सीमा पर पक्के नाले का विस्तार नही किया गया, तो जिलाघिकारी से इस कार्य को यथाशीघ्र करने की माँग करते हुएे एक आवेदन दिया गया I
फिर भी जव पक्के नाला का 200 मी० विस्तार नही हुआ तो उच्च न्यायालय के आदेश का अनुपालन नही होने के विरूद्घ मे जिलाघिकारी सहित सम्बंधित पदाघिकारीयो पर अवमानना वाद दायर किया गया। जिसमे दिनांक 16/5/2017 को बिहारशरीफ के प्रखण्ड विकास पदाघिकारी ने न्यायालय मे शपथ- पत्र दाखिल किया, जिसमे कार्यपालक अभियंता जल निस्सरण प्रमण्डल विहारशरीफ के पत्रांक – 92 दिनांक 24/1/2017 के माध्यम जिला पदाघिकारी नालन्दा को अवगत कराया गया कि दिनांक 18/1/2017 को बसवन विगहा नाले का निरीक्षण किया गया । निरीक्षण के क्रम मे पाया गया की शहर का नाले का पानी वसवन विगहा नाले से प्रवाहित होकर पंचाने नदी मे गिरती है । इसमे वताया गया यह नाला प्रारम्भ मे कच्चा नाला है विच मे 450 मी० पक्का है, इसके वाद पुनः कच्चा नाला है I
इस रिपोर्ट में इन्होने कच्चे नाले की सफाई कर देने से अपने उदेशय को पुरा करने की वात कहते है। और जिलाघिकारी महोदय को अपने स्तर से जाँच कराकर माननीय उच्च न्यायालय मे तथ्यात्मक विवरणी दायर करने हेतु आवश्यक कारवाई करने की वात कही , तो दुसरी तरफ पवके नाले पर दिवार लगाकर कुछ असमाजिक तत्व मकान बना रहे है। जिसकी सुध जिला – प्रशासन को नही है, जव मामला न्यायालय मे लम्बित है एक तरह इसके विस्तार और जनहित मे इसके देरव- रेख और सफाई की वात हो रही है तो दुसरी तरह नाले को अतिक्रमित किया जा रहा हेै ,जिससे पुनः वसवन विगहा मे पहले जैसी स्थिती उत्पन्न होने का खतरा हो सकता है । इसलिएे जिला- प्रशासन इस ओर उचित कारवाई कर न्यायालय का आदेश का पालन और , नाले को अतिक्रमण करनेवालो पर कारवाई करे