Home गांव-देहात हरनौत में दो आंदोलनकारी किसानों की पुलिसिया गिरफ्तारी से आक्रोश का माहौल

हरनौत में दो आंदोलनकारी किसानों की पुलिसिया गिरफ्तारी से आक्रोश का माहौल

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 ” संघर्षशील किसान मजदूर संघ के बैनर तले जिले के विभिन्न प्रखंडों से आये हजारों किसानों ने अपनी विभिन्न मांगो को लेकर हरनौत बाजार में धरना प्रदर्शन किया था। जिसमें प्रशासन के द्वारा चौंतीस लोगों पर प्राथिमिकी दर्ज कराई गई थी”

HARNAUT
हरनौत सीओ द्वारा आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ थाना में प्राथमिकी की कॉपी-1
हरनौत सीओ द्वारा आंदोलनकारी किसानों के खिलाफ थाना में प्राथमिकी की कॉपी-2

हरनौत (रवि कुमार)। नालंदा जिले के हरनौत में किसानों को सड़क पर आंदोलन करना भारी पड़ गया। कहाँ तो गए थे सरकार से समर्थन मूल्य मांगने, लेकिन किसानों ने अपनी परेशानी दुगुनी कर ली। किसानों को अब पुलिस और कोर्ट कचहरी का चक्कर लगाना पड़ रहा है। सीएम के गृह जिला में किसानों पर प्रशासन व सरकार के द्वारा दमन कार्य थमने का नाम नहीं ले रहा है। खास कर उनके गृह प्रखंड का।

बीती रात्रि हरनौत पुलिस ने किसान आंदोलन में शामिल दो किसानों को उनके घर से उठा लिया। गिरफ्तार लोगों में सिरसी गांव निवासी स्व अजबलाल सिंह के पुत्र कारू सिंह उर्फ सुभाष कुमार एवं रूपसपुर गांव के वार्ड सदस्य विजय कुमार सिन्हा शामिल हैं।दोनों को शुक्रवार को जेल भेज दिया गया है।

बताते चलें कि संघर्षशील किसान मजदूर संघ के बैनर तले जिले के विभिन्न प्रखंडों से आये हजारों किसानों ने अपनी विभिन्न मांगो को लेकर हरनौत बाजार में धरना प्रदर्शन किया था। जिसमें प्रशासन के द्वारा चौंतीस लोगों पर प्राथिमिकी दर्ज कराई गई थी।

इस घटना को लेकर किसान वर्ग  में चहलकदमी बढ़ गई है। एक तरफ जहाँ अनाजों के गिरे हुए कीमत से किसान की हालत दयनीय हो गई है ,वहीं प्रशासन के द्वारा उठाये गए दमनकारी नीति से किसान आक्रोशित हो गए हैं। राजनीतिक विश्लेषकों की माने तो किसान अप्रत्यक्ष रूप से इस मामले को चुनाव में जरूर आजमाएंगे।

संघ के अध्यक्ष जयप्रकाश नारायण सिंह ने बताया कि सरकार के द्वारा किसानों पर जान बूझ कर अत्याचार किया जा रहा है। सभी व्यापारी वर्गों के उत्पाद का कीमत मिलता है,लेकिन पता नहीं किस कारण से साजिश के तहत किसानों के उत्पादन किये गए अनाजों का कीमत नहीं मिलता है। जब किसान अपनी व्यथा को लेकर सड़क पर उतरकर अपनी मांग सरकार को बताते हैं तो सरकार के द्वारा दमन नीति अपनाई जाती है एवं उनके आंदोलन को कुचल दिया जाता है।

बकौल अध्यक्ष, पांच जूलाई को सीएम नीतीश कुमार के आप्त सचिव दिनेश राय से उनके आवास पर मिलकर किसानों ने अपनी परेशानी सीएम तक पहुंचाने को कही। जिसे आप्त सचिव दिनेश राय ने सीएम की तबियत खराब होने को कहकर दस जुलाई के कार्यक्रम स्थगित कर लेने को कहा। किसानों के द्वारा कार्यक्रम स्थगित कर लेने के बावजूद भी पुलिस ने आंदोलनरत किसानों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

गौरतलब रहे कि 26 जून को सैकड़ों किसानों ने राष्ट्रीय राज्य मार्ग संख्या 31 और 30ए को कई घंटे जाम रखा था। इस मामले को लेकर जिला प्रशासन के निर्देश पर 34 नामजद तथा सैकड़ों अज्ञात किसानों के खिलाफ केस दर्ज कराया गया है ।

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