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सीएम साहब, राजगीर के ऐतिहासिक धरोहर के प्रति इतने लापरवाह क्यों है राजगीर प्रशासन?

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एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर में ऐतिहासिक पुरातत्व धरोहरों के प्रति स्थानीय प्रशसान पूर्णतः लापरवाह है और सरकारी राशि का सरेआम लुटा रही है।

खबर है कि आगामी 16 मई से शुरु हो रहे राजगीर मलमास मेला की तैयारी के दौरान पीएचईडी विभाग द्वारा अजातशत्रु किला मैदान के पास दो प्याऊ और 10 पुरुष, 10 महिला शौचालय और 10 यूरिनल का निर्माण कराया जा रहा था।rajgir crupt admin 1

इस निर्माण पर पुरातत्व विभाग ने आपत्ति जाहिर करते हुए रोक लगा दिया। प्याऊ लगभग बन गया था,लेकिन पुरातत्व विभाग के कड़े रुख को देखते हुए विभाग ने प्याऊ को तोड़कर वहां से हटा लिया।

पीएचईडी एसडीओ की दलील है कि मलमास मेला में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए यह निर्माण कार्य किया जा रहा था। पुरातत्व विभाग द्वारा रोक लगाए जाने के कारण प्याऊ को हटा लिया गया है और इसे दूसरे जगह शिफ्ट किया जायेगा। अन्य निर्माण कार्य को भी रोक दिया गया है।

सबाल उठता है कि राजगीर के जिम्मेवार स्थानीय प्रशासन को राजगीर मलमास मेला सैरात भूमि और भारतीय पुरातत्व विभाग द्वारा संरक्षित ऐतिहासिक धरोहरों के संबंध में कोई जानकारी है या नहीं? जो इस तरह के बारंबार लापरवाही-गलती कर पूरी व्यवस्था को शर्मशार कर रही है।

हाल ही डूडा द्वारा राजगीर में स्वच्छ लोहिया बिहार के तहत कई सामुदायिक शौचालय निर्माण हेतु निविदा निकाले गये। संवेदकों ने बिना किसी स्थल चयन के सिर्फ दिशा ज्ञान के आधार पर पुरातत्व विभाग के धरोहर पर जेसीबी से धड़ाधड़ गहरे-गहरे गढ्ढे खोद डाले गये। बाद में जब इसकी पोल खुली तो उन गढ्ढों को आनन-फानन में भर कर रफू-चक्कर हो गये।

इसके पूर्व जिला प्रशासन द्वारा  राजगीर महोत्सव आयोजन के क्रम में आजात शत्रु किला मैदान में नियमाविरुद्ध कार्य कर दिये गये। इसकी शिकायत मिलते ही भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग ने कड़ी आपत्ति दर्ज की।

इस आपत्ति के बाद महोत्सव के उद्घाटन के ठीक पहले समारोह स्थल बदल दिया गया। इस दौरान सरकारी खजाने के करोड़ों रुपये की राशि पानी में बह गये। इस महोत्सव के मुख्य अतिथि सीएम नीतिश कुमार थे और उन्होंने अपनी प्रशासन की सुध लेने के बजाय ही भारतीय पुरातत्व एवं सर्वेक्षण विभाग पर आक्रामक चुटकी लेते दिखे।

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