एक्सपर्ट मीडिया न्यूज (राजीव रंजन)। यह भयावह तस्वीर बिहार के सीएम नीतीश कुमार के गृह क्षेत्र नालंदा के चंडी प्रखंड की है, जहां जानलेवा कैंसर रोग से पीड़ित 40 वर्षीय फुलपतिया देवी कराह रही हैं।
फिलहाल परिजन 1 लाख जमा पूंजी और 2 लाख रूपये कर्ज लेकर खर्च कर दिये हैं। अब कहीं से कोई आशा नहीं दिख पाने से हताश होकर परिजन हाथ खड़ा कर दिये हैं।
यहां से 80 प्रतिशत मुसहर उत्तर प्रदेश में ईट भट्टे में काम करने चले जाते हैं। इसमें फुलपति देवी भी थीं। अस्वस्थ होने के कारण भट्टा पर नहीं गयीं। योनि से रक्त स्त्राव होने लगा। वह सामान्य रक्त स्त्राव समझकर चुप रहीं।
इस संदर्भ में 5 बच्चों की मां और पीड़िता की सासू मां फुलवरियां देवी ने कहा कि उसकी योनि से अधिक रक्त स्त्राव होने पर परिजन चिंतित हो गये। लोकल चिकित्सकों से दिखाने पर चिकित्सकों ने पटना महावीर कैंसर हॉस्पिटल में रेफर कर दिये।
उन्होंने कहा कि चिकित्सक बच्चादानी निकालने का निर्णय किये। ऑपरेशन के दरम्यान रक्त स्त्राव रूकने का नाम ही नहीं लिया। हारकर ऑपरेशन करना ही बंद कर दिये। वह कपड़ा लगाकर स्त्राव को बाहर गिरने से रोकती हैं।
उन्होंने कहा कि भट्टे में काम पर जाने के एवज में 1 लाख जमापूंजी और 2 लाख रूपये महाजनों से 5 रूपये प्रति सैकड़ा ब्याज पर चिकित्सा कराये। अब पैसा नहीं रहने के कारण चिकित्सा बंद है। जो अर्थावभाव साफ दिखता है। दवा तो नहीं दुआ की जरूरत है। भगवान और मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से दुआ है कि मेरी पुत्रवधु फुलपति देवी की जिंदगी को लम्बी करने में सहायक बनें।
यहां के विलास मांझी व हीरा मांझी ने बिहार सरकार के स्वास्थ्य मंत्री से आग्रह किया है कि चिकित्सा की व्यवस्था करें नहीं तो पीड़िता की अकाल मौत हो जाएगी। इस समय अन्न त्याग दी है। सिर्फ पानी व जूस पर जीवित है।
वहीं भगवानपुर गांव के हीरा मांझी ने बताया कि पैसे के अभाव के कारण इस गरीब महिला का इलाज संभव नहीं है।