नालंदा (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिले के चंडी के थानाध्यक्ष कमलजीत पर तीसरी बार गाज गिरी है। जिस थाना में वे गए, उनका वहाँ से तबादला नही बल्कि सस्पेंड होने का रिकार्ड रहा है।
मूलतः बिहार के नवादा से 2009 बैच के दारोगा कमलजीत पिछले कई साल से नालंदा में कई थानों में योगदान दे चुके हैं । कमलजीत सबसे पहले रहूई थाना में योगदान दिया । उसके बाद नगरनौसा फिर नूरसराय और अब चंडी ।
कमलजीत इसी वर्ष जनवरी में चंडी थाना का प्रभार लिया था ।नगरनौसा,नूरसराय और चंडी की मीडिया में वे सिंघम के नाम से जाने जाते थें ।
इनके चंडी थाना में योगदान लेते ही चोरों ने इनका खूब स्वागत किया । आए दिन क्षेत्र में चोरी की घटनाएँ बढ़ने लगी ।लेकिन एक भी चोर इनके हाथ आज तक नहीं लगा।लेकिन हाँ शराब के खिलाफ इनको सफलता खूब मिली।
अपने छोटे से कार्य काल में इन्होंने शराब के कई मामलों का उद्भभेदन किया । शराब की कई बड़ी खेप बरामद की।कई शराब माफियाओ की चूले हिला कर रख दी थी। साथ ही उन्होंने अंतरराज्यीय वाहन चोर गिरोह का पर्दाफाश भी किया । लेकिन शराब के एक मामले ने ही उन्हें चंडी से चलता कर दिया।
कमलजीत के बारे में कहा जाता है कि नालंदा के पूर्व एसपी कुमार आशीष के काफी करीबी माने जाते थे । किसी न किसी रूप में उनका वरदस्थ प्राप्त रहा ।
लेकिन कुमार आशीष के जाते ही कमलजीत के खिलाफ कई शिकायतें वरीय पदाधिकारियों की कान में जाना शुरू हो गया। नए एसपी ने खुद उनके खिलाफ संज्ञान लिया तथा उनके खिलाफ आ रहे शिकायत की जांच का जिम्मा हिलसा एसडीपीओ को दी।
जांच में उनके खिलाफ शिकायत सही पाई गई । जिसके आलोक में एसपी ने यह कार्रवाई की। अपने सस्पेंशन की आशंका को भांपते हुए कमलजीत छुट्टी का बहाना बना कर निकल पड़े ।
इधर सात नवम्बर को चंडी थाना के नए भवन का उद्घाटन समारोह था। लेकिन इस उद्घाटन समारोह में कोई रौनक नहीं दिखी। एक दिन पहले ही उद्घाटन का बोर्ड लगा दिया गया था।
कमलजीत के सस्पेंड होने की खबर मिलते ही क्षेत्र में लोगों के बीच उनके सस्पेंसन को लेकर कई तरह के चर्चे शुरू है। कुछ लोग उनके जाने से खुश दिख रहे हैं।