Home आस-पड़ोस समझ से परे है राजगीर के इस होटल की शटर पर पुलिसिया...

समझ से परे है राजगीर के इस होटल की शटर पर पुलिसिया सील

0

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। नालंदा जिले के राजगीर पुलिस का कोई सानी नहीं है। यहां शीर्ष स्तर के अफसर बदल दिये गये। फिर भी उसकी कार्यशैली में कोई सुधार या बदलाव नहीं दिख रहे। एक ताजा रोचक मामला वहां के नील कमल होटल से जुड़ा उभरकर सामने आया है।

RAJGIR POLICE CRIME 3होटल मालिक नारायण दा के अनुसार विगत 27 जुलाई,18 की देर शाम राजाना की तरह 5 लोगों को खाना खिला रहा था कि अचानक राजगीर थाना पुलिस दल दस्तक दी और खाना खा रहे दो लोग को पकड़ कर अपने साथ ले गई। वे दोनों कोल्ड्रिंक्स की बोतल लिये हुये थे।

बकौल होटल मालिक, बाद में पता चला कि पकड़े गये लोगों पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर उसमें उसका भी नाम दे दिया गया। 

इसके बाद 6 अगस्त,18 को होटल मालिक ने बिहारशरीफ व्यवहार न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया तथा जहां से 10 अगस्त,18 को न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में उसे रिहा करने के आदेश दिये।

इसके बाद जब जेल से रिहा होकर नारायण दा अपने होटल गया तो पड़ोसी दुकानदारों ने उसे बताया कि पुलिस ने उसके होटल में ताला लगा दिया है।

होटल मालिक जब रिकॉल लेकर केस के आईओ पुअनि से मिला और होटल का ताला खोलने का अनुरोध किया तो जबाब मिला कि अदालत के आदेश पर ताला खुलेगा। यही नहीं, उस ताले पर 12 अगस्त को फिर से आईओ द्वारा बैक डेट 27 जुलाई का सील मार दिया गया।

इस बाबत जब राजगीर थाना प्रभारी कोई स्पष्ट उतर नहीं दे पाये और बाद में वे आदतन मोबाईल कई बार हलो-हलो कर डिस्कनेक्ट करते रहे।

उधर, राजगीर डीएसपी ने कहा कि होटल से शराब की बरामदगी हुई होगी। डीएम के आदेश से उसे सील किया गया है। जब एफआईआर की कॉपी, न्यायालय में समर्पित प्रतिवेदन और गवाहों की बाबत पूछा गया तो उन्होंने कोई जबाब नहीं दिया।

वर्तमान थाना प्रभारी बिजेन्द्र कुमार सिंह द्वारा मानानीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश-VI सह विशेष न्यायाधीश (उत्पाद) बिहारशरीफ को सौंपे प्रतिवेदन से स्पषट है कि सीधे थानाध्यक्ष को साढ़े नौ बजे रात गुप्त सूचना मिली कि केनरा बैंक के सामने धर्मशाला रोड स्थित होटल में कुछ लोग शराब रखे हुये हैं और सेवन किया जा रहा है

तत्पश्चात सूचना के सत्यापन और कार्रवाई हेतु पुअनि श्याम सुन्दरी देवी, पुअनि रामबदन सिंह, पुअनि ईश्वर मांझी पुलिस बल के साथ सरकारी वाहन से 10 बजे थाना से प्रस्थान किये।

नीलकमल होटल में पुलिस को देखते ही एक व्यक्ति होटल के काउंटर रुम से रात्रि का फायदा उठाकर भाग गया और 2 लोग उसी रुम से पकड़े गये। इन दोनों ने बताया कि भागने वाला आदमी होटल मालिक है।

थानाध्यक्ष ने आगे लिखा है कि पकड़ाये गये दोनों व्यक्ति की मेडिकल जांच राजगीर सदर अस्पताल में कराई गई, लेकिन अल्कोहल सेवन की पुष्टि नहीं हो पाई।

उधर, पुअनि रामबदन सिंह द्वारा रात्रि 10.30 बजे तैयार जप्ती सूची में 1. एक अदद थम्सअप लिखा प्लास्टिक के बोतल में 400 एमएल भरा विदेशी शराब 2. एक अदद किनलेय अंकित प्लास्टिक के बोतल में 100 एमएल विदेशी शराब भरा हुआ उल्लेख है।

पुलिस अवर निरीक्षक की जप्ति सूची में दो गवाह राहुल कुमार पिता मनोज प्रसाद साकिन बिचली कुआं, राजगीर एवं तरुण कुमार पिता शिव राजवंशी साकिन विस्थापित, राजगीर के सिर्फ अंगूठा के निशान अंकित है।

बहरहाल, पूरा मामला देखने से बड़ा रोचक और संदिग्ध लगता है। न्यायालय में अब तक समर्पित किसी प्रतिवेदन में होटल सील किये जाने का कहीं कोई उल्लेख नहीं है। ऐसे में केस आईओ द्वारा कोर्ट ऑर्डर लाने की बात समझ से परे है। 

जबकि इस मामले की सच्चाई है कि होटल में शराब नहीं परोसी गई थी और जो ग्राहक कहीं अन्यत्र से कोल्ड्रिंक्स लेकर खाना खाने आये थे, उसमें शराब है या अन्य पेय पदार्थ , इसकी जानकारी होटल मालिक को नहीं थी।

पुलिस ने खाने-कमाने की मंशा से होटल मालिक को वेबजह उसमें घसीट दिया।

सबसे बड़ा सबाल कि जब सीधे थानाध्यक्ष को 9.30 बजे रात गुप्त सूचना मिली थी कि उक्त होटल में शराब परोसी जा रही है और लोग सेवन कर रहे हैं तो फिर आधा घंटा बाद दबोचे गये किसी व्यक्ति की मेडिकल जांच में अल्कोहल की पुष्टि क्यों नहीं हुई। जप्ती सूची में दर्ज गवाहों के अंगूठा निशान भी फर्जी बताये जा रहे हैं।

error: Content is protected !!
Exit mobile version