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राज्य महिला आयोग अध्यक्ष के बेतुके बयान से उलझा नाबालिग छात्रा की थाने में शादी का मामला

एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। सरायकेला जिला इन दिनों सुर्खियों में है। जहां पल-पल बदलते घटनाक्रम ने  मीडिया और पुलिस के साथ जिला प्रशासन को भी सोचने पर मजबूर कर दिया है।

विगत 10 नवंबर के दिन राजनगर थाना प्रभारी ने अपने ही थाना में एक नाबालिग की शादी उसी युवक से करा दी जिसने छेड़खानी किया था। वैसे इस खबर को एक्सपर्ट मीडिया ने सबसे पहले और काफी प्रमुखता से प्रकाश में लाया। उसके बाद सरकार जागी और प्रशासन की जागा।

उपायुक्त ने मामले की जांच का आदेश दिया। इधर  एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने भी कार्रवाई शुरू कर दी और सरायकेला डीएसपी हेडक्वार्टर को जांच का जिम्मा सौंपा गया।

वैसे एक्सपर्ट मीडिया ने जांच टीम की रिपोर्ट हू-ब-हू अपने पाठकों के बीच रखा। ताकि हमारे दर्शक एक्सपर्ट मीडिया की विश्वसनीयता पर भरोसा कायम रख सकें। सरायकेला जिला उपायुक्त और एसपी को भी एक्सपर्ट मीडिया द्वारा कराए गए जांच रिपोर्ट की प्रति उपलब्ध कराई।

वैसे जांच रिपोर्ट मिलते ही एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने राजनगर थाना प्रभारी यज्ञ नारायण तिवारी और एसआई अनिल कुमार ओझा को सस्पेंड कर दिया।

वैसे एसपी चंदन कुमार सिन्हा ने कहा है कि कार्य में लापरवाही बरतने के आरोप में सस्पेंड किया गया है। लेकिन एसपी ने थाने में शादी कराए जाने से साफ इनकार किया है, जबकि एक्सपर्ट मीडिया के पास पर्याप्त सबूत हैं।

जिसमें जांच टीम के समक्ष नाबालिग छात्रा और उसकी ननद यानी लड़के की बहन साफ तौर पर कहती नजर आ रही है कि नाबालिगों की शादी थाना परिसर में हुई है और पैसे का भी लेनदेन हुआ है। ऐसे में जिले के पुलिस कप्तान का यह बयान समझ से परे है।

बहरहाल राज्य महिला आयोग की टीम से भी एक्सपर्ट मीडिया को उम्मीद थी कि वह मामले की गंभीरता से जांच करेंगी। लेकिन उन्होंने जांच के नाम पर महज खानापूर्ति की और बचकाना बयान जारी कर सबको सकते में डाल दिया है। हालांकि एक्सपर्ट मीडिया आज भी अपने उन दावों पर कायम है, जिसमें राजनगर थाने में शादी कराए जाने की बात कही है।

हालांकि इस मामले को लेकर स्थानीय दलाल पत्रकार लोग सक्रिय हैं और वे जांच टीम और मीडिया हाउस को दिग्भ्रमित करने का काम कर रहे हैं। ऐसे में पूरे मामले की स्वतंत्र एजेंसी से जांच कराने की जरुरत है।

वैसे महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण जांच करने पहुंची, लेकिन खुद ब खुद नाबालिग अवस्था में अपनी शादी की बात कह लोगों को अचंभित कर दिया।

हालाँकि जिस मामले की जांच करने पहुंची थी, इस पर साफ़ कहा कि नाबालिग की शादी हुई है, लेकिन आयोग ने किसी को दोषी नहीं ठहराया।

वैसे यह पूरा मामला बाल संरक्षण आयोग से जुड़ा हुआ है। ऐसे में महिला आयोग ने यहां पहुंचकर पूरे मामले को मजाक बना दिया है।

जिले के उपायुक्त ने पीड़ित छात्रा और उसके पति को जिला मुख्यालय बुलाया था, जहां दोनों से आयोग की टीम और जिले के उपायुक्त ने पूछताछ की। हालांकि जांच आयोग और उपायुक्त से मिलने के बाद पीड़ित छात्रा ने पुनः वही बात दोहराया है, जैसाकि  उसके द्वारा अपने पूर्व के बयानों में कहा गया है।

लेकिन एक बात समझ से परे है कि आखिर  स्थानीय मीडिया और पुलिस-प्रशासन  क्यों नहीं मामले की सच्चाई को सामने लाना चाह रही है ?

राजनगर थाने में  लगे सीसीटीवी फुटेज  से भी कुछ राज सामने आ सकते हैं। जांच टीम उसे क्यों नहीं खंगाल रही? वहीं भुक्त भोगी लड़की ने जांच टीम को कहा है कि मेरी शादी राजनगर थाना में हुई और पूछताछ में हमने यह बताया है।

वैसे डीएसपी की जांच रिपोर्ट एक्सपर्ट मीडिया ने पहले ही दिखा दिया और उसके बाद सरायकेला एसपी हरकत में आए और झटपट रात 12 बजे राजनगर थाना प्रभारी को लाईन हाजिर करते हुए एएसआई अनिल ओझा को निलंबित कर दिया है।   

सुनिए वीडियोः क्या कहती हैं झारखंड राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण..

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