“खजुराहो के बाद शायद देश का यह पहला महोत्सव है। जिससे अंतरराष्ट्रीय क्षितिज पर पहुंचाने के लिए सरकार कोई कोर-कसर छोड़ना नहीं चाहती है। महोत्सव का आयोजन अजातशत्रु किला मैदान में किया जाएगा।”
नालंदा (राम विलास )। राजगीर महोत्सव को अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए नालंदा जिला प्रशासन हर संभव प्रयास कर रहा है। 25 नवंबर से शुरू होने वाले तीन दिवसीय राजगीर महोत्सव में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय कलाकारों की उत्कृष्ट सांस्कृतिक प्रस्तुतिया तो होंगी ही टमटम दौड़, दंगल व्यंजन मेला, कृषि मेला, ग्रामश्री मेला इसके आकर्षण होंगे।
महोत्सव शुरू होने में 18 दिन शेष रह गए हैं । लेकिन अभी तक कलाकारों की सूची की लिस्ट फाइनल नहीं हो सकी है। इसका कारण पर्यटन मंत्री और पर्यटन विभाग के प्रधान सचिव का विदेश दौरा है। इसके बावजूद नालंदा जिला प्रशासन हर कार्यक्रमों को बेहतर से बेहतर बनाने के लिए हर संभव कोशिश कर रहा है।
जिला पदाधिकारी डॉ त्याग राजन एस एम ने राजगीर के इंटरनेशनल कन्वेंशन हॉल में सोमवार को सभी विभागों के पदाधिकारियों और स्थानीय जनप्रतिनिधियों के साथ बैठक कर महोत्सव को अंतर्राष्ट्रीय पहचान दिलाने के लिए फीडबैक लिया।
इस अवसर पर राजगीर विधायक रवि ज्योति कुमार, इस्लामपुर विधायक चंद्रसेन प्रसाद, राजगीर के पूर्व उपाध्यक्ष बैजनाथ प्रसाद सिंह एवं अन्य ने कई महत्वपूर्ण सुझाव दिया । राजगीर की नैसर्गिक, बौद्धिक और सांस्कृतिक विरासत को अक्षुण्ण बनाए रखने के लिए और देश दुनिया के सैलानियों को आकर्षित करने के लिए राजगीर महोत्सव का आयोजन राजकीय स्तर पर किया जाता है।
इस अवसर पर आयोजित विभिन्न मेलों में करीब 300 स्टॉल लगाए जाएंगे। इस महोत्सव में पहली बार पशु प्रदर्शनी को शामिल किया गया है। जिला पदाधिकारी डॉ त्याग राजन ने राजगीर महोत्सव को यादगार और ऐतिहासिक बनाने के लिए कुल 31 कमेटियों का गठन किया है।
इन कमेटियों के निगरानी के लिए उप विकास आयुक्त, डीआरडीए के निदेशक और अपर समाहर्ता को वरीय प्रभारी बनाया गया है। इसके अलावे सीनियर ऑफिसर को नोडल पदाधिकारी और उनके सहयोग के लिए प्रखंड, अनुमंडल और जिला स्तर के पदाधिकारी सदस्य बनाये गये हैं ।
जिला पदाधिकारी ने बताया कि ग्रामश्री मेला में पहली बार खादी का स्टाल लगाया जाएगा। महोत्सव के मौके पर राजगीर का तांगा दौड़, टमटम सज्जा, पालकी सज्जा, दंगल और महिला महोत्सव आकर्षक होगा । स्थानीय विधायक रवि ज्योति कुमार ने इस अवसर पर दुधारू पशु प्रदर्शनी लगाने का सुझाव दिया।
वही विधायक चंद्रसेन प्रसाद ने मगध की कला को भी शामिल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने राजगीर से जुड़े सभी मुख्य मार्गों पर महोत्सव के मौके पर पेट्रोलिंग व्यवस्था की ओर जिला प्रशासन का ध्यान आकृष्ट कराया। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर एक साथ तीन कालखंडों से देशी व विदेशी सैलानियों को रूबरू कराता है। यहां की विरासत के प्रति सैलानियों के आकर्षण के लिए नृत्य, गायन, वादन एवं अन्य कला का अद्भुत प्रदर्शन किया जाता है।
इस अवसर पर जिले के चुनिंदे कलाकारों को भी प्रस्तुति का अवसर प्रदान किया जाएगा। महोत्सव के मौके पर पुस्तक मेला का आयोजन तो होगा ही सद्भावना मार्च भी निकाला जाएगा। स्कूली बच्चों के लिए कबड्डी, खो – खो , क्रिकेट और कराटे प्रतियोगिता का आयोजन किया जाएगा। महोत्सव के मौके पर आयोजित टमटम दौड़ को देखने के लिए भारी भीड़ होती है। उस भीड़ को देखते हुए दौड़ स्थल पर मजबूत बैरिकेटिंग के निर्देश दिए गए हैं ।
जिला पदाधिकारी ने बताया कि महोत्सव का व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। इसके लिए जगह – जगह फ्लेक्सी और होडिग्स लगाये जाएंगे। दो दिवसीय दंगल प्रतियोगिता में कई राज्यों के चुनिंदे पहलवान अपनी जोर का आजमाइश करेंगे। महोत्सव को लेकर सभी विभाग अलर्ट है । राजगीर की सड़कों और गलियों की बेहतर साफ सफाई कराई जा रही है। स्ट्रीट लाइट को दुरुस्त किया जा रहा है। सरकारी भवनों की रंगाई-पुताई की जा रही है।
जिला पदाधिकारी ने बताया कि राजगीर महोत्सव के मौके पर शहर के सभी होटलों का विशेष सजावट कराया जाएगा। सर्वश्रेष्ठ सजावट करने वालों को जिला प्रशासन द्वारा पुरस्कृत किया जाएगा।
इस बैठक में उप विकास आयुक्त सुब्रत कुमार सेन, डीएफओ डॉक्टर के नेशामणि, नजारत उप समाहर्ता सुरेंद्र कुमार, जिला भू-अर्जन पदाधिकारी सुबोध कुमार, जिला खेल पदाधिकारी नरेश चौहान, जिला परिवहन पदाधिकारी शैलेंद्र नाथ, एसडीओ लाल ज्योति नाथ शाहदेव, डीसीएलआर प्रभात कुमार, राकेश कुमार गुप्ता ,उप समाहर्ता बृजेश कुमार , डीपीआरओ लाल बाबू सिंह, सिविल सर्जन डॉ सुबोध प्रसाद सिंह, उपाधीक्षक डॉक्टर उमेश चंद्र, श्रमाधीक्षक पूनम कुमारी, जिला शिक्षा पदाधिकारी डॉ विमल ठाकुर, डीपीओ शंकर प्रिय समेत सभी आयोजनों के संयोजक व सदस्य शामिल हुए ।