Home देश राजगीर की भीषण आग में फुटपाथ दुकानदारों की करोड़ की संपत्ति राख

राजगीर की भीषण आग में फुटपाथ दुकानदारों की करोड़ की संपत्ति राख

0

इस अग्नि कांड में करीब डेढ करोड़ के  नुकसान के अनुमान हैं। इस घटना में  दुकानदारों के  मनिहारी, चुड़ी, सिंदूर, खिलौने, चादर, अंगोछा, पूजा पाठ, हैंडिक्राफ्ट, प्रसाद मकुन दाना चूड़ा  इत्यादि सामग्री आग राख हो गया।

आग कैसे लगी यह बताने के लिए कोई तैयार नहीं है।

प्रत्यक्ष दर्शियो के अनुसार आग की लपटें इतनी भयावह थी कि एक किलोमीटर की दूरी से देखा जा रहा था।”

राजगीर, नालंदा (राम विलास)। अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन केंद्र राजगीर के सरस्वती नदी के तट पर के फुटपाथ दुकानों  में शनिवार की देर रात अचानक लगी भीषण  आग में 52 दुकानें  राख हो गयी।rajgir kund fire news

इस घटना मे किसी भी व्यक्ति के आहत होने की सूचना नहीं है। घटना के कुछ ही देर बाद अनुमंडल प्रशासन तथा अग्निशमन  दल  घटनास्थल पर पहुंचे कर बचाब कार्य में जुट गया। तमाम कोशिशों के बाद भी  52 दुकानों को आग अपनी  आगोश में ले लिया। ये दुकानें देखते देखते राख के ढेर में तब्दील हो गये।

प्रत्यक्षदर्शियों मे शामिल कुंड स्नान करने पहुंचे राजगीर खुदरा व्यवसायिक संगठन के अध्यक्ष निरंजन कुमार, सचिव धर्मराज प्रसाद,  न्यू मारवाड़ी बासा के संचालक नीरज कुमार एवं  अन्य  ने बताया कि शनिवार की  रात्रि के लगभग नौ बजे तक सब कुछ शांत था।  तभी अचानक फुटपाथ के एक दुकान  से अचानक आग की लपटें उठती दिखी। देखते देखते यह आग लंका दहन  जैसा  आकार ले लिया। 

इस क्रम मे नीरज कुमार बताते हैं, कि वो अपनी मारबाड़ी बासा  दुकान बंद कर घर जाने  वाले थे। तभी देखा कि कुंड क्षेत्र के झुग्गी झोपड़ी दुकानों  में आग लगी है। इस अग्नि कांड में एक के बाद एक  सभी दुकानें धू धू कर जल रही थी। वे अपने सहयोगियों के साथ आस पास रखे पानी आदि वैकल्पिक व्यवस्था से आग पर बुझाने की कोशिश करने मे जुट गये। मगर आग की लपटें काफी विकराल थी। जिसके कारण काफी मुश्किल होने लगी। इस बीच पुलिस प्रशासन को भी सूचना दी गई ।

इधर जल रहे दुकानों की  सूचना पाकर घर से अपने अपने घरों से दौड़ते भागते दुकानदारों की भीड़ वहां जुट गई और त्राहिमाम करने लगे। आग लगने के लगभग 20 मिनट बाद प्रखंड कार्यालय परिसर स्थित अग्निशमन कार्यालय व आयुध निर्माणी नालंदा के अग्निशामक वाहन घटनास्थल पर पहुंचा।

इस बीच अनुमंडल पुलिस प्रशासन भी वहां पहुँची। तब तक आग ने दानवाकार रुप धारण कर लिया था। जिसमें एक बारगी अग्निशामक से आग पर काबू पाना काफी मुश्किल हो गया।

इस क्रम में वहां आम लोगों  ने भी अपना सहयोग देते हुए जलती दुकानों से बचे खुचे समान को आग की चपेट से निकालने की भरसक कोशिश की। मगर इसमे सफल नहीं हो पाये।

इस अग्निकांड मे विकराल आग की उठती लपटें इतनी विशाल थी कि लगभग एक किलोमीटर दूर से हीं उठते धुएं, अगलगी की तेज रोशनी व लपटों का गुब्बार  देखा जा सकता था। जिसमें करीब 50 फुट से भी अधिक उपर उठती आग की लपटों की चपेट मे आने से घटनास्थल पर खड़े तीन बड़े बड़े पीपल के पेड़ भी झुलस गये । 

इतना नहीं इस क्रम मे आग की लपटों के बीच से जबरदस्त विस्फोट के साथ रसोई गैस के छोटे सिलेंडर की भी फटने की घटना ने सभी को सन्न कर दिया। जिससे  एकबारगी अफरा तफरी मच गई। जिसमे वहां आग बुझा रहे लोग भय से पीछे हट गये। परंतु पुनः जान हथेली पर रख आग पर काबू पाने की कोशिश में जुट गये। जिसमें लगभग दो घंटे से भी अधिक समय लगा।

इस अग्निकांड के दौरान माहौल मे जलते दुकानों व सामग्रियों की बू काफी दूर तक फैल गई थी। वहीं दूसरी ओर अग्निशमन वाहनों के गुंजती सायरन व माहौल मे मची चीख पुकार के बीच आग पर काबू  पाने की कोशिश की जा रही थी। 

दूसरी ओर अपनी जमा पूंजी से खड़े किये जलते दुकान को देख पीड़ित दुकानदार अपनी छाती पीट रहे थे। ज्ञातव्य हो कि पिछले वर्ष 7 मार्च को लगी अग्निकांड की पुनरावृत्ति हुई है। पिछले घटना के पीड़ित दुकानदारों के साथ हुई इस अग्निकांड ने उन्हें एकाएक सड़क पर लाकर खड़ा कर दिया है।

error: Content is protected !!
Exit mobile version