” उत्पात मचाने वाले सभी नक्सलियों की उम्र 25 से 30 वर्ष के बीच थी। सभी सादे वर्दी में थे। इस घटना के बाद क्षेत्र में दहशत है। लोग डरे हुए हैं।”
नक्सलियों ने वहां कार्यरत 20 कर्मचारियों का मोबाइल भी छीन लिया। जाते जाते नक्सलियों ने मौके पर पोस्टर भी छोड़ा है। पोस्टर में क्रशर बंद करने, महिलाओं से काम नही करवाने और जमीन दलालों को अंजाम भुगतने की भी धमकी दी गई है।
पुलिस की छानबीन में पता चला कि नक्सलियों ने सबसे पहले रामधन बेदिया के माइंस पर हमला किया और वहां एक पोकलेन को आग के हवाले कर दिया। उसके बाद नक्सली संजय कुमार के क्रेशर प्लांट के पास पहुंचे और जेसीबी, पोकलेन मशीन और एक ट्रक को आग के हवाले कर दिया।
पुलिस के अनुसार, 12 की संख्या में आए नक्सलियों ने इस घटना को अंजाम दिया है। हमला करने वाले नक्सलियो में से मात्र दो से तीन के पास हथियार थे, जबकि बाकी के पास तलवार भाले जैसे हथियार थे।
लोकल अपराधियों पर है पुलिस को शक
पुलिस को शक है कि इस घटना को लोकल अपराधियों ने किया है।
हालांकि पूर्व में टीएसपीसी के नक्सली भी इस इलाके में धमक दिखा चुके हैं।
फिलहाल पुलिस मौके पर पहुँचकर इलाके में सर्च ऑपरेशन चला रही है।
पीएलएफआइ का सटा मिला यह पर्चा
पीपुल्स लिबरेशन फ्रंट ऑफ इंडिया के उग्रवादियों ने वहां एक परचा भी साटा है। इस परचे में लिखा था कि ओरमांझी प्रखंड के पिस्का, चायबगान, बनखेता, खीरेबाड़ा, चपराकोचा में जितने भी अवैध माइंस क्रशर हैं, उन्हें अविलंब बंद कर दिया जाये। साथ ही यह भी हिदायत दी है कि रात में किसी महिला कर्मचारी से क्रशर में काम न लिया जाये।
पीएलएफआइ के परचे में बिचौलियों को चेतावनी दी गयी है कि वे गरीबों का शोषण न करें। मजदूरों को उचित मजदूरी देने की भी हिदायत दी गयी है। इतना ही नहीं, जमीन दलालों, ठेकेदारों और अफसरों को भी चेताया गया है।
मनीष कच्छप के नाम से जारी इस परचे में हालांकि जमीन दलालों, ठेकेदारों और अफसरों को किस मामले में सावधान रहने के लिए कहा गया है, यह स्पष्ट नहीं है।
बहरहाल, ग्रामीण एसपी राज कुमार लकड़ा, अभियान एसपी आरसी मिश्रा, सिल्ली के डीएसपी सतीश चंद्र, इंस्पेक्टर सुमन कुमार सुमन घटनास्थल पर पहुंच पूरे मामले की जांच कर रहे हैं।