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रसोईया दंपति ने पहले प्रधान शिक्षक को पीटा, फिर किया रेप का केस, मुखिया ने पहले दी धमकी, फिर कराया रेप का केस

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एकंगरसराय, नालंदा (INR)। नालंदा जिले के एकंगरसराय क्षेत्र से एक ऐसा मामला प्रकाश में आया है, जो समाज और कानून व्यवस्था के अच्छे संकेत नहीं देते। क्योंकि उसके निर्वाहन की जिन पर जिम्मेवारी दी गई है, वे ही उसे तार- तार कर रहे हैं।

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मारपीट के शिकार पंचायत शिक्षक दीपक कुमार

एकंगरसराय प्रखंड के राजकीय प्राथमिक विद्यालय गड़ेरिया बिगहा में रसोईया द्वय का कार्य कर रहे पति-पत्नि ने पहले प्रधान शिक्षक के साथ मारपीट की, उसके बाद गाली गलौज करते हुये स्कूल से बाहर धकेल दिया। स्कूल ऑफिस के सारे कागजात बाहर फेंक बर्बाद कर दिया।

पीड़ित शिक्षक ने इसकी लिखित शिकायत एकंगरसराय थाना में दर्ज करते हुये मामले की जानकारी विभागीय अफसरों को दी। इसके बाद वहां के मुखिया ने पीड़ित प्रधान शिक्षक को पहले तो दर्ज केस उठाने की बात कही, उसके बाद इंकार करने की सुरत में रसोईया द्वारा रेप का केस कर फंसा डालने की धमकी दी।

हमारे INR के पास इस संबध में पीड़ित प्रधान शिक्षक और मुखिया के बीच बातचीत के दो ऑडियो क्लीप उपलब्ध कराये गये हैं, जिससे साफ स्पष्ट होता है कि इस मामले में सब कुछ जानते हुये भी निर्वाचित मुखिया ने पीड़ित शिक्षक पर दबाब बनाने के लिये छेड़छाड़ और रेप के प्रयास का झूठा मुकदमा करवाया है क्योंकि, शिक्षक ने किसी प्रकार के

पंचायत शिक्षक द्वारा थाना में दर्ज एफआईआर की कॉपी

समझौते से इंकार कर दिया था।

इस पूरे मामले में रेप का झूठा केस दर्ज करने वाले एकंगरसराय थाना पुलिस की भूमिका भी काफी संदिग्ध है। मुखिया ने जिस तरह से शिक्षक से बात-चीत की और थाना पुलिस ने जिस तरह से असमाजिक तत्वों का साथ देते हुये मामले को रफा-दफा करने की मुहिम में काउंटर केस दर्ज किये हैं, वे कई तरह के सबाल खड़े करते हैं।

एकंगर सराय के पुरन्दरपुर गांव निवासी बच्चु प्रसाद के पुत्र दीपक कुमार गड़ेरिया बिगहा प्राथमिक विद्यालय में पंचायत शिक्षक के पद पर कार्यरत हैं। 15 मई की सुबह करीब पौने आठ बजे रसोईया कमलेश प्रसाद ने अपनी हाजरी लगाई। साथ ही दूसरे रसोईया मिन्तु देवी, जो कि उसकी पत्नी है, उसकी हाजरी भी उसने बना दिया। जब प्रधान शिक्षक का प्रभार लिये दीपक ने प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी के एक निर्देश का हवाला देते हुये ऐसा करने से मना किया तो रसोईया बने पति-पत्नि ने उसके साथ बुरी तरह से मारपीट की और स्कूल से बाहर निकाल दिया। उसके बाद स्कूल के सारे कार्यालीय कागजात नष्ट कर डाले।

वह उपस्थिति पंजी, जिस पर पत्नी की जगह पति द्वारा हस्ताक्षर करने पर विवाद खड़ा हुआ

पीड़ित शिक्षक दीपक ने इसकी तत्काल लिखित शिकायत स्थानीय थाना पुलिस को दी। इस शिकायत के बाद  ग्राम पंचायत कोशियांवा के मुखिया राकेश कुमार ने मोबाइल पर धमकी दी कि उसने आरोपी पति-पत्नि रसोईया के खिलाफ दर्ज केस वापस नहीं लिया तो उसे बलात्कार के केस में फंसा दिया जायेगा। मुखिया की बात-चीत से साफ स्पष्ट होता है कि उसे थाना में बैठ कर ही पीड़ित शिक्षक को धमकी दिया और इंकार करने पर थाना पुलिस की मिलिभगत से झूठा केस करवा दिया, जैसा कि वो बोला था।

अब सबाल उठता है कि पुलिस-प्रशासन और किसी पंचायत प्रतिनिधि का दायित्व शिक्षा व्यवस्था में घुसे अपराध को रोकना है या ऐसे कुकर्म को बढ़ावा देना, जिससे मानवता शर्मशार हो जाती हो।

मुखिया की शह पर रसोईया द्वारा दर्ज रेप का झूठा एफआईआर की कॉपी

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