Home देश रमज़ानुल मुबारक के चौथे जुमे की नमाज़ आलविदा के रूप में अदा

रमज़ानुल मुबारक के चौथे जुमे की नमाज़ आलविदा के रूप में अदा

गिरियक, नालंदा (संवाददाता) एक महीना तक चलने वाला पाक और बाबर्कत का मुबारक महीना रमज़ानुल की  चौथे और आखरी जुमे की नमाज़ जिला सहित सभी प्रखंड के मस्जिदों में अदा की गयी। रमज़ानुल मुबारका के जुमे की नमाज़ को अलविदा के नाम से भी जाना जाता है ।

जुमे की नमाज़ के बाद शाम को लोगों ने इफ्तार किया। इसके साथ ही 27 रोजा मुकम्मल हो गया। इस मौके पर बड़ी तादाद में इस्लाम धर्म के मानने वाले अल्लाह के मुस्लिम भाई आज सुबह से ही इसकी तैयारी में लगे थे। जुमे की अजान होते ही मस्जिदों की में जाकर एक साथ लोगों ने जुमा की नमाज़ आदा किये ।

इस मौके पर नौजवान और बच्चों में काफी उत्साह था। जिले के जामा मस्जिद, बड़ी दरगाह, खानकाह, भराव पर, नाखुदा मस्जिद कागजी मोहल्ला, मोगल कुआँ, गढ़ पर, कमरुद्दीन गंज सहित विभिन मस्जिदों एवं प्रखंड के बकरा, केरुआ, सतौवा, भदाई,  जलालपुर,  इंग्लिशपर, गिरियक, सहित खरान्ठ, व सकरौल के मस्जिदों में मुस्लिम समुदाय के लोगों ने जुमा की नमाज़ अता किये। आज तमाम मस्जिदों में अलविदा जुमा के नमाज़ की अदा करने के लिए रोज़ेदारों की खासी भीड़ थी।

इफ्तार के मौके पर भी मस्जिदों में ही इकठ्ठा होकर लोगों ने दावते इफ्तार का लुत्फ़ उठाया। घर में महिलाओं ने भी नमाज़ अदा की और लोगों के साथ मिलकर इफ्तार किये। इसके साथ ही शुक्रवार को रोजेदारों का उन्नतीस रोजा मुकम्मल हो गया। रात में लोगों ने तरावीह नमाज़ भी अदा किये।

इधर बकरा मस्जिद में जुमा नमाज़ से पहले इमाम ने नमाजियों को रोजा की फजीलत एवं बरकत के बारे में तफसील से बताया गया और इस महीना का पुरा रोजा मुकम्मल करने वालों को खुशनसीब बताया ।

उन्होंने बताया कि रमजानुल मुबारक का रोज़ा हर बालिग मर्द औरत और तंदूरुस्त इंसान पर फ़र्ज़ है और नमाज़ किसी भी हालत में माफ़ नहीं है। साथ ही इमाम ने लोगों को इस बात से आगाह किया की इस महीना में लोग कसरत से इबादत में अपना वकत को गुजारेने वाले कामयाबी को हासिल करते हैं क्योंकि आम दिनों से इस माह में किये गये इबादत के बदले एक नेकी के बदले सत्तर नेकी का सवाब दिया जाता है। आगे बताया गया कि इस महीना में रोजा रखने और रोजादारों का कदर करने के बारे में भी तफसील से बताया गया ।

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