“झारखंड के सीएम रघुबर दास बिटिया को लेकर काफी गंभीर है। उनकी नीति और नारा ही है कि पहले पढ़ाई, फिर विदाई। लेकिन राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष कल्याणी शरण ने बाल विवाह को लेकर जिस तरह के बयान दिए हैं, वे काफी शर्मसार करने वाले हैं। वह बाल विवाह को गलत नहीं मानती। वह कहती हैं कि हमारी शादी भी कम उम्र में हुई है….”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। सरायकेला जिले के राजनगर एक नाबालिग छात्रा की जबरिया शादी मामले में मीडिया के सामने अध्यक्ष ने कहा कि लड़का-लड़की में जान-पहचान थी। बातचीत थी। दोनों अपने ही कास्ट के लोग हैं। हमको कहीं एंगल से यह नहीं लगा कि ये लोग का कहीं कोई ऐसा कदम उठा होगा कि दोनों अपनी हद की सीमा पार कर गए होगें। ऐसा हमको कहीं से नहीं लगा।
उन्होंने आगे कहा कि एक चीज देखने को मिला कि लड़का जो है, वह लड़की से काफी उमरदार है। और लड़की नाबालिग है। लड़का 25 साल का है।
महिला आयोग की अध्यक्षा आगे कहती हैं कि जो होना था, सो हो गया। और कास्ट में हुआ। लड़की ने थाने में शादी या पैसा देने की बात को गलत बताया।
हालांकि, जब महिला आयोग अध्यक्ष की पूछताछ के बाद लड़की ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज को बताया कि उसकी शादी थाना में हुई है और इसे बताया गया है।
लेकिन आयोग की अध्यक्षा थाना पुलिस का एक तरह से बचाव करते कहती है कि दोनों थाना गए होगों तो वहां कानूनी राय दिया गया होगा। एक कास्ट की है। शादी जो हुई है, वह बिल्कुल गांव में हुई है और समाज के सामने हुई है।
उन्होंने अपनी जांच रिपोर्ट देने की बाबत दो टूक कहा कि शादी समाज के बीच हुई है। अब न सिस्टम बना है बालिग या नाबालिग। पहले के लोग होते थे कि लड़का अच्छा मिल गया तो शादी करके 3-4 साल बाद गौना करते थे न। हम भी उसमें आते हैं।
उन्होंने आगे कहा कि मैं ये कह रही हूं कि लड़की यदि नाबालिग ही है। शादी एक कास्ट में हो गया। तो लड़का या लड़की वाला, दोनों से हम यही कहेगें कि आप लोग आपस में विचार करके, चूकी लड़की अभी पढ़ना चाहती है, जब तक वह टेन प्लस टू करेगी, तब तक वह बालिग हो जाएगी। तो लड़की पढ़ते-पढ़ते 18 साल की हो जाएगी और कोर्ट भी बोला है कि बालिग के बाद शादी कीजिए।