“हाल ही में मानपुर थाना क्षेत्र के तिउरी गांव में अवैध बालू खनन करने जा रही ट्रैक्टर से एक गरीब मजदूर की दबकर मौत हो गई थी, जिससे गुस्साए ग्रामीणों ने पलटी हुई ट्रैक्टर को उठाने आई जेसीबी मशीन को आग के हवाले कर दिया था। बिहारशरीफ के अंचलाधिकारी ने सरकारी खजाने से 4 लाख रुपये का मुआवजा भी दिया। लेकिन यहां अवैध खनन-बिक्री करने वाले माफियाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हुई”
लेकिन इसके बाबजूद बिहारशरीफ अंचल क्षेत्र में अवैध उत्खनन कर मानपुर, बिहार एवं अस्थामा थाना क्षेत्र में बालू का अवैध भंडारण जारी है।
बता दें कि मानपुर थाना क्षेत्र में 10.77 डिसमिल आम गैरमजरूआ जमीन से अवैध उत्खनन कर अस्थामा थाना क्षेत्र के बिहार शरीफ NH 82 से तिउरी गांव जाने वाली लिंक रोड के किनारे बालू का अवैध भंडारण किया जा रहा है। वहीं अवैध उत्खनन स्थल से पूरब स्थित बगीचा में एक चिन्हित खनन माफिया के द्वारा भारी मात्रा में बालू का अवैध भंडारण किया हुआ है।
तिउरी गांव के लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण पानी टंकी के बगल में इसी तरह से बालू का अवैध भंडारण है। चिन्हित खनन माफिया द्वारा इन 2 जगहों पर जहां अवैध खनन कर बालू को भंडारित किया जा रहा है, वह मानपुर थाना क्षेत्र में पड़ता है और पुलिस के द्वारा क्षेत्र में इसी रास्ते गश्ती का कार्य भी किया जाता है।
पुलिस-प्रशासन को अच्छी तरह से मालूम है कि यहां अवैध बालू का भंडार किन माफियाओं के द्वारा किया गया है। फिर उसकी खामोशी मिलीभगत साफ तौर पर प्रमाणित करती है।
यहां प्रशासन संरक्षित खनन माफियाओं के द्वारा नदी के तटबंध तक को भी सरेआम काट दिया गया, जो आगामी बरसात के मौसम में जान माल की भारी नुकसान का कारण बन सकता है।
ऐसे में नालंदा के डीएम अपने स्तर से फौरिक जांच कार्रवाई करेगें? मानपुर, बिहार और अस्थावां थाना प्रभारी के साथ बिहारशरीफ के अंचलाधिकारी पर प्राथमिकी दर्ज होगी?