“डॉक्टर्स की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा हुआ है कि महिला सिपाही के इलाज में भारी कोताही बरती गई है। इलाज नहीं होने के कारण उसे सीवियर एनीमिया हुआ और फिर कार्डियक अरेस्ट हुआ। इससे उसकी मौत हो गई…”।
मौत से ठीक पहले महिला सिपाही के शरीर में महज 4.3 फीसदी हीमोग्लोबिन ही बचा था। जबकि, प्लेटलेट्स डेढ़ लाख से भी ऊपर था। ऐसे में महिला सिपाही की मौत का कारण डेंगू नहीं था, यह अब कन्फर्म हो चुका है।
मिली जानकारी के अनुसार महिला सिपाही को बीते 10 दिनों से बुखार था। शुरुआती दौर में महिला सिपाही का इलाज पुलिस लाइन के समीप ही दवा दुकान से दवा देकर किया जा रहा था।
जब स्थिति बिगड़ी तो फिर उसे महावीर वात्सल्य अस्पताल ले जाया गया। लेकिन महावीर वात्सल्य अस्पताल में भी उसके डेंगू का टेस्ट नहीं किया गया। क्योंकि प्लेटलेट्स की संख्या काफी अधिक थी। ऐसे में डेंगू होने का सवाल ही नहीं था।
इस बीच गुरुवार की देर रात महिला सिपाही की स्थिति बेहद नाजुक हो गई। गुरुवार की देर रात साथी पुलिसकर्मी उसे लेकर आईजीआईएमएस पहुंचे थे। लेकिन यहां बेड खाली नहीं होने के कारण महिला सिपाही को बगैर इलाज ही वापस कर दिया गया।
आखिर में शुक्रवार की सुबह 5:37 बजे महिला सिपाही को उदयन हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया। लेकिन तब तक स्थिति बद से बदतर हो चुकी थी।
हॉस्पिटल सूत्रों ने बताया कि महिला यहां आधे घंटे भी जिंदा नहीं रह सकी। उसे सेफ्टी सेमिया हो गया था। मौत का मुख्य कारण सेप्टीसेमिया ही रहा। इसके बाद उसे सीवियर एनीमिया हो गया।
बताया जा रहा है कि जब महिला सिपाही को अस्पताल में भर्ती कराया गया तो उसके शरीर में हिमोग्लोबिन सिर्फ 4. 3 फीसदी ही बचा था। सीवियर एनीमिया के कारण उसे कार्डियक अरेस्ट आया और आखिर में उसकी मौत हो गई।
उदयन हॉस्पिटल में जब उसके प्लेटलेट की जांच की गई तो प्लेटलेट्स डेढ़ लाख से ऊपर था। साथी पुलिसकर्मी जब उसे हॉस्पिटल लेकर पहुंचे थे, तब उसका बीपी डिटेक्ट नहीं हो रहा था। सांस भी काफी मुश्किल से ले पा रही थी। उसे करीब आधे घंटे तक वेंटिलेटर पर रखा गया। लेकिन आखिर में उसकी मौत हो गई।
इस मेडिकल रिपोर्ट के बाद साफ हो गया है कि महिला सिपाही के इलाज में भारी कोताही बरती गई है। यदि समय रहते उसे इलाज मुहैया कराया जाता तो उसकी मौत नहीं होती।
हालांकि, अब एक बड़ा सवाल ये भी सामने आ रहा है कि आखिर महिला सिपाही को डेंगू होने का अफवाह किसने और क्यों फैलाया? (स्रोतः रिपब्लिकन ब्यूरो)