“लोक आस्था का महापर्व छठ में भारतीय सभ्यता और संस्कृति की बड़ी सुंदर झलक आज भी गांवों में स्पष्ट नज़र आती है। इस पावन पर्व के अवसर पर लोग शहरों से गांव की ओर अपना डेरा डालते हैं चाहे वह सरकारी कर्मचारी हो या कोई प्राइवेट कंपनी में काम करने वाला व्यक्ति। वर्षों तक लोगों के दिल में बस एक ही आस्था होती है, इस बार छठ में गांव का घर जाऊंगा। कुछ ऐसा ही नजारा एक बार फिर दिखा नालंदा जिले के गांवो में।”
बिहार शरीफ (राजीव रंजन)।बिहारशरीफ प्रखंड में स्थित तिउरी गांव में जहां प्रत्येक वर्ष छठ के शुभ अवसर पर ग्रामीणों के द्वारा गांव के ही नदी के घाट को साफ , सुंदर तथा आकर्षक बनाया जाता है।
प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी ग्रामीणों के द्वारा छठ घाट तक के रास्ते को साफ किया गया और डेकोरेशन के द्वारा सजाया गया।
ग्रामीण लड़कियों के द्वारा छठ घाट जाने वाले रास्तों पर रंगोली बनाया गया, जिन की रंगोलियां की छटा देखकर लोगों का मन आकर्षित हो रहा था।
इस गांव के घाट पर आस-पास के गांव जैसे- हवेली, उपरौरा, रामजीचक, इत्यादि गावों से करीब हजारों की संख्या में भीड़ होती है। ग्रामीण अपने सहयोग से छठ घाट तक जाने वाले रास्ते का साफ-सफाई करते हैं और लाइट का प्रबंध करते हैं।
ग्रामीण लोगों से पूछताछ में ग्रामीण के द्वारा बताया गया कि इतना व्यवस्था ग्रामीण नवयुवकों के द्वारा एक न्यू आइडियल स्टूडेंट क्लब के नाम से किया जाता है जिसके अर्घक्ष मिथिलेश प्रसाद जो कि तिउरी पंचायत के वार्ड संख्या एक वार्ड हैं।
उन्होंने बताया कि इस क्लब के और भी सदस्य राजीव कुमार, आकाश कुमार, विश्वनाथ कुमार, सत्यम कुमार, सतीश कुमार, अभिमन्यु कुमार, डब्लू कुमार, निशांत कुमार, गोपाल प्रसाद ,कपिल देव प्रसाद ,बालकिशुन पासवान, राजेश रंजन और भी लोग इस कमेटी के सदस्य हैं जिनके द्वारा यह सब व्यवस्था कराई जाती है।
सदस्यों ने बताया कि सरकार के द्वारा यहां विशेष ध्यान देने की आवश्यकता है ग्रामीण क्षेत्र में तीउरी अपना एक अलग पहचान रखता है। सदस्यों के द्वारा यह भी बताया गया कि प्रशासन के द्वारा भी यहां कोई व्यवस्था नहीं रहती है जब की आबादी बहुत ज्यादा है।
गौरतलब दिखा कि न्यू आइडियल स्टूडेंट्स क्लब के द्वारा लगाए गए बैनरों में स्वच्छता का संकेत लगा हुआ है और इन लोगों का रास्ता भी स्वच्छ एवं सुंदर बना हुआ था।
अस्तलगामी सूर्य को मिला श्रद्धापूर्ण अर्घ्य
करायपरसुराय (पवन)। प्रखण्ड में गुरुवार शाम छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को जल में खड़े होकर अर्घ्य दिया।आस्था के महापर्व कतकी छठ बड़ी श्रद्धा व भक्ति के साथ मनाया गया। शहर के विभिन्न छठ घाटो पर आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा।
छठ व्रती अपने परिजनों के साथ रंगबिरंगे पोशाकों में पहुंच घाट की रौनकता को चार चांद लगा रही थी। छठ मइया के गीतों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो रहा था। गांवों में भी कटकी छठ बड़े धूमधाम से मनाया गया। नदी तालाब के पानी सूख जाने के कारण तालाब पानी किया गया। छठी मईया को अर्घ्य दिया गया।
डियावां छठ घाट पर शहर के अधिकांश छठ व्रतियों ने डूबते सूर्य को अर्घ्य दिया। प्रखण्ड में करीब 18 जगहों पर बन घाटों पर हजारों की संख्या में व्रती दोपहर 4-5 बजे से ही पहुंचने लगे। वहीं अर्घ्य देने के बाद रात करीब 6 बजे व्रती घर लौटते लगे।
मंगलवार के शाम को खरना की पूजा के बाद छठ व्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला व्रत शुरू किया। गुरुवार के दोपहर व्रती घर से नहा-धोकर परिवार के साथ छठ घाट पर पहुंचे। सूरज ढलने से करीब 1 घंटे पहले श्रद्धालु जल में घुसे और सूरज डूबने तक खड़े होकर सूर्य देवता की पूजा की और अर्घ्य दिया।
इससे पहले छठ घाट पर लोग सूप में फल, ठेकुआ और अन्य प्रसाद व पूजन सामग्री लेकर पहुंचे। इसके अलावा प्रखण्ड के सभी छठ घाटो पर पुलिस बल व मजिस्ट्रेट की नियुक्ति किया गया हैं।
अस्तचलगामी भगवान भास्कर को धूमधाम से अर्घ
कतरीसराय ( एस. भारती)। लोक आस्था का माहा पर्व छठ की पहली अर्घ बड़े ही धूम धाम से अस्तचलगामी भगवान भास्कर को दी गई। विदित हो कि छठ घाट पर पानी में उतर प्रथम अर्घ डुबते सूर्य को व द्वतीय अर्घ उगते सूर्य को देने की धार्मिक परंपरा है।
लोगों का मानना है कि इस पूजा से घर परिवार धन धान्य से परि पूर्ण रहता है। इसी कड़ी में मैरा बरीठ पंचायत के शाहाबाद गाँव में सुर्य देवता को अर्घ देने के लिए तैयार किया गया।
अस्थायी छठ घाट का विधिवत उद्घाटन लोजपा नेता छोटे लाल यादव ने फिता काट कर किया। छठ व्रतियों व उपस्थित जन समुहों को सम्बोधित करते हुए कहा कि छठ मैया कि बड़ी कृपा दृष्टि से है। आम जन जीवन में छठ व्रत का विज्ञान के दृष्टिकोण में भी बहुत बड़ा प्रभाव है। इस उपासना के बाद कई रोगों का नाश होता है।
इस मौके पर लोजपा जिला अर्घक्ष राजू पासवान गुड्डु कुमार भाजपा व लोजपा के तथा रालोसपा नेता महेन्द्र सिंह सुभाष सिंह संतोष कुमार पिन्टु सिंह आनंत पाण्डे मनोहर सिंह दिनेश यादव सुरेन्द्र प्रसाद सहित सैकड़ों लोग उपस्थित थे।
गिरियक (निसार अंसारी)। लोक आस्था का महा छठ पर्व की पहली अध्य गुरुवार की शाम बड़े ही धूम धाम से अस्तचलगामी भगवान भास्कर को दी गई ।
विदित हो कि छठ घाट पर पानी में उतरकर डुबते सूर्य को पहला अर्ध्य और दूसरा अर्ध्य अगले सुबह उगते सूर्य को देने की धार्मिक परंपरा है । लोगों का मानना है कि इस पूजा से घर परिवार धन-धान्य से परिपूर्ण रहता है ।
यह पूजा पवित्रता का धोतक भी है। सभी लोग इस पूजा को लेकर न केवल घर द्वार की सफाई करते हैं बल्कि गली मोहल्ले से घाट जाने वाली मार्गों को भी साफ सफाई की जाती है।
इस मौक़े पर गिरियक, पावापुरी के सभी घाट, पावापुरी के जलमन्दिर, पंचाने नदी के रैतर , दौलचक, पोखरपुर , चोरसुआ – बकरा के त्रिवेणी घाट, गिरियक जे घोड़ा कटोरा, घोसरावां, प्यारेपुर सहित सभी घाटों तक जाने वाली मार्गों को सजाया गया। रैतर और चोरसुआ के बकरा के अलावा अनेकों गांवों से घाट जाने वाली मार्गों पर लाइटिंग और फर्रे से सजाया संवारा गया।
इस कार्य में जनप्रतिनिधियों गिरियक के प्रखंड प्रमुख रामशरण प्रसाद यादव, चोरसुआ पँचायत के मुखिया चंदन कुमार, सरपंच राकेश कुमार, समिति सदस्या गायत्री देवी, रैतर पँचायत के समिति सदस्या मनोरमा देवी, के अलावा पाप्पू शर्मा, रामानन्द सागर, गिरियक प्रखंड के जदयू प्रखंड अध्यक्ष योगेंद्र प्रसाद योगी, भाजपा मण्डल अध्यक्ष अविनाश सिंह उर्फ गुड्डू कुमार आदि लोगों ने घाटों के सजाने सवारने में योग्यदान दिया।
छठ का अर्ध्य सभी गाँव से जाकर छठ व्रतियों ने जाकर सूर्य देवता को अर्ध्य प्रदान किया। इस मौके छठ मैया के भक्ति गीतों से पूरा वातावरण गूँजता रहा। घाट पर लोगों ने खूब पटाखे भी जलाये।