” मधु कोड़ा ने अपने राजनैतिक सफर की शुरुआत ऑल झारखंड स्टूडेंड यूनियन के एक कार्यकर्ता के रूप में की थी। मधु कोड़ा का जुड़ाव राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से भी रहा है।”
नई दिल्ली। कोयला घोटाला मामले में सीबीआई कोर्ट ने मधु कोड़ा को 3 साल की जेल की सजा सुनाई है। कोर्ट ने कोड़ा पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
हालांकि, सजा के ऐलान के कुछ देर बाद ही मधु कोड़ा और तीन अन्य दोषियों को हाई कोर्ट में अपील करने के लिए अंतरिम जमानत भी मिल गई।
कोर्ट ने मधु कोड़ा के अलावा पूर्व कोयला सचिव एचसी गुप्ता, पूर्व सचिव अशोक कुमार और एक अन्य को भी आपराधिक षड्यंत्र और धारा 120B के तहत दोषी माना था। इससे पहले भी मधु कोड़ा को झटका लग चुका है।
चुनाव आयोग चुनावी खर्चे का सही हिसाब नहीं देने के मामले में उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करते हुए 3 साल तक के लिए चुनाव लड़ने पर रोक लगा चुका है।
मधु कोड़ा 2006 में झारखंड के पांचवें सीएम बने थे। मुख्यमंत्री बनते वक्त वह निर्दलीय विधायक थे।
बाबूलाल मरांडी की सरकार में कोड़ा को पंचायती राज मंत्री बनाया गया था। 2005 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने मधु कोड़ा को टिकट नहीं दिया था।
इसके बाद कोड़ा ने निर्दलीय चुनाव लड़कर जीत हासिल की। किसी दल को बहुमत नहीं मिलने पर उन्होंने बीजेपी की अगुवाई वाली अर्जुन मुंडा सरकार को समर्थन दिया।
सितंबर 2006 में कोड़ा और 3 अन्य निर्दलीय विधायकों ने मुंडा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया।
अल्पमत में आई बीजेपी सरकार गिर गई और बाद में कांग्रेस की अगुवाई वाले गठबंधन यूपीए ने उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में स्वीकार कर अपनी सरकार बनाई।