‘चाईबासा लोहरदग्गा की घटना मैं मर्माहत हूं। राज्य के हर नागरिक से यह अपील करता हूँ कि संविधान से मिले अपने अधिकारों के तहत अपनी बात रखें………’
उन्होंने कहा कि कानून किसी को हाथ में लेने का हक नहीं–ऐसा करने वालों के खिलाफ सरकार कड़ाई से निपटेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि शासन और प्रशासन संवेदनशीलता से काम करेगा। साथ ही, हमारी सरकार राज्य की शांति बिगाड़ने वाले तत्वों से कड़ाई से निपटेगी।
उन्होंने कहा कि सभी को अपनी बात कहने का हक़ है। सभी को अपनी परम्परा और संस्कृति के अनुसार जीने का अधिकार है। भारत का संविधान सभी को अपना धर्म संप्रदाय भाषा परंपरा और संस्कृति के अनुसार जीवन जीने का अधिकार देता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह राज्य संविधान के प्रावधानों और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के अनुसार चलेगा। किसी को यह अधिकार नहीं दिया जा सकता है कि वे संविधान को चुनौती दें किसी को भी हिंसा करने की छूट नहीं दी जा सकती। राज्य की शान्ति बिगाड़ने वालों के ख़िलाफ़ सरकार सख्ती से पेश आएगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि भीड़तंत्र के आगे न तो हमारी सरकार झुकेगी, न ही किसी भीड़तंत्र को अपनी मनमानी करने की छूट दी जाएगी।