एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। आज नालंदा जिले के नगरनौसा प्रखंड मुख्यालय में जो कुछ हुआ है, वह विधि सम्मत नहीं है। यदि पंचायत समिति की अविश्वास प्रस्ताव की बैठक में कोई सदस्य भाग नहीं लेता है तो वह बैठक अमान्य होगी, न कि अविश्वास प्रस्ताव खारिज।
बिहार राज्य निर्वाचन कार्यालय के प्राधिकृत संजीव कुमार ने एक्सपर्ट मीडिया न्यूज को आगे बताया कि पंचायत समिति के कोई भी कार्यपालक पदाधिकारी को यह अधिकार नहीं है कि वह बिना किसी सदस्य के पहुंचे बैठक की कार्यवाही शुरु करे या उस पर अपना निर्णय ले।
पंचायती राज नियमावली के अनुसार यदि किसी निर्वाचित पद को लेकर अविश्वास प्रस्ताव लाया जाता है तो उसमें सांख्यिक सदस्य तो होने ही चाहिये, जो बैठक की अध्यक्षता कर सके। किसी भी प्रखंड विकास पदाधिकारी या कार्यपालक पदाधिकारी को बैठक की अध्यक्षता करने का अधिकार ही नहीं है। बैठक की अध्यक्षता कोई सदस्य ही कर सकता है।
श्री संजीव कुमार ने कहा कि अगर कोई भी सदस्य बैठक में शामिल नहीं होता है तो कार्यपालक पदाधिकारी को फिर से तिथि निर्धारित कर बैठक बुलानी होगी। सदस्य विहिन बैठक स्वतः अमान्य होती है। नगरनौसा प्रखंड विकास पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी को पुनः बैठक बुलानी होगी। जो प्रमुख, उप प्रमुख या किसी अन्य सदस्य की अध्यक्षता में होगी।
श्री कुमार ने औरंगाबाद जिले के एक मामले का हवाला देते हुये कहा कि वहां बैठक में एक पंसस सदस्य आये। उसे बैठक माना गया लेकिन बैठक के बाद वोटिंग नहीं हुई, इसलिये कार्यपालक पदाधिकारी को पुनः बैठक बुलानी पड़ी। वह भी प्रावधानानुसार निर्धारित अवधि के भीतर।
उन्होंने कहा कि अगर नगरनौसा में बिना किसी सदस्य की उपस्थिति के कार्यपालक पदाधिकारी बैठक मान लेते हैं। आपसी अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले प्रमुख और उप प्रमुख नदारत रहते हैं तो शिकायत मिलने पर तीनों नप सकते हैं। निर्वाचन आयोग उन्हें प्रावधानों के साथ स्वहित में खिलवाड़ करने का दोषी मानेगी। अगर मामला न्यायालय में जायेगा तो तीनों को बचना मुश्किल होगी।
यहां तक कि एक दूसरे पर गंभीर आरोप लगाने वाले प्रमुख या उप प्रमुख भी नदारत रहे। इसे देखते हुये कार्यपालक पदाधिकारी सह प्रखंड विकास पदाधिकारी ने एक घंटे बाद करीब 12 बजे अविश्वास प्रस्ताव खारिज करने की घोषणा कर दी।
प्रखंड विकास पदाधिकारी रीतेश कुमार ने इसकी पुष्टि करते हुये 12.40 बजे एक्सपर्ट मीडिया न्यूज को बताया था कि निर्धारित तिथि-समय पर एक भी पंचायत समिति सदस्य के बैठक में शामिल नहीं होने के कारण अविश्वास प्रस्ताव खारिज कर दिया गया है। वे इसकी सूचना नालंदा जिलाधिकारी को भेज दी है।
उन्होंने कहा था कि ऐसा कोई प्रावधान-नियमावली नहीं है कि सभी पंसस सदस्यों की अनुपस्थिति में अविश्वास प्रस्ताव खारिज न किया जाये। किसी के नहीं आने से अविश्वास प्रस्ताव स्वतः खारिज मानी जाती है।