“नालंदा जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में पुलिस-वकील टकराव से प्रशासनिक-न्यायायिक माहौल अस्त व्यवस्त हो गया है। सारा मामला नगर निगम की एक कथित विवादित जमीन से जुड़ी है। जिसकी मूल प्रकृति और वस्तुस्थिति समझे वगैर ही कुछ ऐसी कार्रवाई हुई, जिला अधिवक्ता संघ के लोग आंदोलित हो उठे। वे पिछले तीन दिन से कलमबंद हड़ताल पर हैं। इससे अव्यवस्था का माहौल साफ दिख रहा है।”
एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। इसी महौल के बीच बिहार शरीफ नगर निगम के आयुक्त सौरभ जोरवाल से एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ग्रुप के प्रधान संपादक मुकेश भारतीय ने सीधी बातचीत की।
श्री जोरवाल के साथ हुई बातचीत में कई रोचक तत्थ उभरकर सामने आये हैं। यहां तिल का ताड़ बना दिया गया और सब कुछ संवादहीनता और भ्रम से उत्पन्न हुआ है।
श्री जोरवाल ने कहा कि पुलिस-वकील के बीच के टकराव के मूल कारणों में जाने पहले यह जानना जरुरी है कि आखिर मामला क्या है और कहां से शुरु हुआ। बात बहुत छोटी थी, लेकिन भ्रम में बड़ी बन गई और कुछ लोगों ने बड़ा बना दिया।
उन्होंने बताया कि नगर निगम अपनी जमीन पर एक बड़ी आबादी की पेयजल समस्या की बाबत वाटर वोरिंग-टंकी का निर्माण करवी रही है। इस संबंध में किसी ने उनसे निजी तौर पर या फोन संपर्क कर भी अपनी समस्या या दावा से अवगत नहीं कराया।
उन्होनें कहा कि उन्हें शिकायत मिली कि जहां पर टंकी निर्माण कार्य हो रहे हैं, वहां कुछ लोग मजदूरों के साथ मारपीट कर रहे हैं। उन्होंने इस तरह की सूचना मिलने के बाद स्थानीय लहेरी थाना को फोन कर मामले को देख लेने को कहा।
नगर आयुक्त ने बताया कि उसके बाद उन्हें यह जानकारी नहीं मिल सकी कि थाना में किसे ले जाया गया। कितने देर रखा गया और वह व्यक्ति अधिवक्ता हैं।
उन्होंने वकील पवन कुमार सिन्हा द्वारा खुद की जमीन होने के दावे की वाबत कहा कि उस जमीन की नापी कराई गई है। जिस जमीन पर पानी टंकी का निर्माण हो रहा है, वह नगर निगम की जमीन है। इस भूमि की सीमांकण भी करा दी गई है।
वकील द्वारा संबंधित भूमि पर हाई कोर्ट के स्टे ऑर्डर की बावत नगर आयुक्त ने कहा कि उक्त आदेश में साफ है कि नगर निगम जमीन का सीमांकण करा कर काम करा सकता है। उस पर काम करने पर रोक नहीं लगाई गई है।
श्री जोरवाल ने कहा कि उक्त वकील ने भी कभी किसी तरह से कोई संपर्क कर यह नहीं बताया कि नगर निगम की जिस भूमि पर कार्य चल रही है, वह उसकी है। ऐसी शिकायत-सूचना आती तो निश्चित तौर पर उसे गंभीरता से लेते।
उन्होने एक सबाल के जबाव में कहा कि वकीलों का वे सम्मान करते हैं। पानी टंकी भी जनता के लिये ही बनाई जा रही है। यह बिल्कुल छोटी समस्या है। कुछ भ्रमवश बड़ा विवाद का विषय बन गया है।
नगर आयुक्त ने कहा कि वे जिला अधिवक्ता संघ के पदाधिकारियों- सदस्यों का सम्मान करते हैं। अगर कहीं कुछ भ्रमवश किन्ही की भावना को किसी पदाधिकारी की बातों से ठेस पहुंची है तो वे सहृदय वार्तालाप के आमंत्रित हैं। आपसी वार्तालाप से ही भ्रम दूर होगें। कोई अन्य समस्या भी है तो वह दूर होगी।
उन्होंने स्पष्ट तौर पर कहा कि अगर शीर्ष पुलिस-प्रशासन स्तर से भी कहीं गलतियां हुई है तो वे माफी भी मांग सकते हैं। इसमें कोई हर्ज नहीं है। डीएस, एसपी साहब की भी खुले मन से माहौल को शांत करने की दिली ईच्छा है।