“बिहार में विधानसभा चुनाव अगले साल है। लेकिन तैयारी अभी से दिख रही है। सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। पोस्टर के जरिए भी एक-दूसरे को पटखनी देने की तैयारी है। अब जदयू और आरजेडी ने नया पोस्टर जारी किया है…………….”
पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज नेटवर्क ब्यूरो)। बिहार की राजनीति में जारी पोस्टर वार के बीच आलोचना में घिरे जदयू ने अपने नारे में संशोधन करते हुए ‘ठीके तो हैं नीतीश कुमार’ की जगह नया नारा दिया है,क्यों करें विचार जब हैं ही नीतीश कुमार’।
पिछले दिनों जब जदयू ने नारा दिया था ‘क्यूँ करें विचार ठीके तो हैं नीतीश कुमार’ तब डिप्टी सीएम ने भी इस पर आपत्ति की थी।विपक्षी दल राजद ने भी जदयू के नारे को लेकर कई पैरोडी बना डाली थी।इसी बीच अब जदयू ने नया नारा दिया है।
बिहार में विधानसभा चुनाव अगले साल है। लेकिन तैयारी अभी से दिख रही है। सोशल मीडिया पर आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। पोस्टर के जरिए भी एक-दूसरे को पटखनी देने की तैयारी है। अब जदयू और आरजेडी ने नया पोस्टर जारी किया है।
जदयू ने पहले पोस्टर जारी किया था। जिसमें नारा था, ‘क्यूँ करे विचार, ठीके तो हैं नीतीश कुमार’। इस नारे को लेकर राजद ने काफी तंज कसा था। नारे को लेकर जदयू को घेरने का भी प्रयास किया गया।
बिहार में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले सत्तारूढ़ जदयू और विपक्षी पार्टी आरजेडी के बीच पोस्टर वार जारी है। जेडीयू ने पहले पोस्टर जारी किया था, जिसमें नारा था, ‘क्यूँ करे विचार, ठीके तो है नीतीश कुमार।’
इस पर तंज कसते हुए आरजेडी ने पोस्टर में लिखा था, ‘क्यूँ न करें विचार, बिहार जो है बीमार।’ अब जदयू ने दूसरा पोस्टर जारी किया है। जिसमें लिखा है, ‘क्यूं करें विचार, जब है ही नीतीश कुमार’।
आरजेडी ने इसका जवाब भी पोस्टर के जरिए ही दिया है, जिसमें लिखा है, ‘क्यूं ना करें विचार…।’ पलटवार वाले इस पोस्टर में आरजेडी ने नीतीश सरकार के खिलाफ प्रदेश की कानून-व्यवस्था सहित कई मुद्दों को कविता के रूप में शामिल किया है।
दरअसल, चुनाव जरूर अगले साल है लेकिन बिहार पूरी तरह चुनावी मोड में है। यहां राजनीतिक पार्टियां चुनावी तैयारी में दमखम के साथ जुटी दिख रही हैं। जहां जेडीयू और बीजेपी फिर सत्ता पर काबिज होने के लिए प्रयासरत हैं।
वहीं विपक्ष की कोशिश है कि एकजुट होकर नीतीश को सत्ता से बेदखल करना। इसके लिए हर दांव-पेच आजमाए जा रहे हैं। जिसकी शुरुआत पोस्टर वार से हो चुकी है।
जदयू की ओर से नया नारा जारी होने पर कहा जा रहा है कि लोगों के बीच इस नारे का सही संदेश नहीं गया। उस पर विपक्ष ने भी चुटकी ली है। पोस्टर पर लिखे नारे में सकारात्मकता की जगह नकारात्मक पक्ष दिखा।
ठीके तो है नीतीश कुमार…इस नारे से एक आम धारणा यह बनती है कि दूसरे से चलो कुछ तो बेहतर ही हैं। जहां एक तरफ नीतीश कुमार सुशासन के जरिए छवि चमकाने की कोशिश में हैं, वहां यह नारा फिट नहीं बैठ रहा था।
जदयू को भी शायद इसका अहसास हुआ। यही वजह रही कि पुराने नारे को थोड़ा सा बदलकर पार्टी ने नया पोस्टर जारी किया है। नए पोस्टर मे लिखे नारे को अब पूरी तरह से सकारात्मक रूप में पेश किया गया है, जिसमें यह बताने की कोशिश है कि नीतीश कुमार हैं ही तो फिर विचार की जरूरत क्या है।जबकि अगर पहले नारे को देखा जाए तो उससे यह अर्थ निकल रहा था कि दूसरों के मुकाबले तो नीतीश कुमार ठीक ही हैं।
उधर, नए पोस्टर को जारी करने के बाद एक बार फिर विपक्ष ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है। आरजेडी ने भी नया पोस्टर जारी किया है, जिस पर कानून-व्यवस्था सहित कई मुद्दों को उठाते हुए आरजेडी ने नीतीश कुमार को घेरने की कोशिश की है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि आखिर जदयू इस नारे से जनता का कितना विश्वास जीत पाती है।