एक्सपर्ट मीडिया न्यूज। बिहार के चर्चित प्रदेश छात्र जदयू के महासचिव राकेश कुमार की अपहरण के बाद हुई नृसंश हत्या के मामले में नालंदा पुलिस ने 4 लोगों को दबोचने में सफलता पाई है। जिसमें दो नामजद अभियुक्त बताया जाता है।
पुलिस सूत्रों के अनुसार जदयू छात्र नेता के शव वरामद होने के बाद नालंदा एसपी सुधीर कुमार पोरिका ने एक पुलिस टीम का गठन किया। उस टीम ने सबसे पहले आरोपी के परिजनों को अपने कब्जे में कर लिया और उनसे मिली फीडबैक से पता चला कि नामजद आरोपी पश्चिम बंगाल की राजधानी कोलकाता में शरण लिये हुये हैं।
पुलिस की एक टीम इस दिशा में कार्रवाई करते हुये कोलकाता पहुंची। जहां हावड़ा ईलाके से एक साथ चार लोगों को धर दबोचा। उसमें दो नामजद आरोपी भी हैं। पकड़े गये नामजद दोनों नामजद आरोपी के नाम का खुलासा करने से पुलिस अभी बच रही है।
हालांकि आज नालंदा दोपहर नालंदा पुलिस ने जिला मुख्यालय बिहारशरीफ में मीडियाकर्मियों के समक्ष कोकाता के हावड़ा ईलाके से चार को के पकड़े जाने एवं उसमें दो नामजद आरोपी के शामिल होने की अनौपचरिक पुष्टि की है। हत्या कांड के कारणों एवं उसमें शामिल लोगों का खुलासा आरोपियों से पुछताछ के बाद प्रेस कांफ्रेस में देने की बात सामने आई है।
बता दें कि नालंदा के हरनौत से लापता छात्र जदयू के प्रदेश महासचिव की लाश मिली है। उनकी निर्मम हत्या कर उनके शव को गड्डे में दफना दिया गया था। पुलिस ने बेना थाना क्षेत्र के अलीपुर में एक खेत से उनकी क्षत विक्षत लाश बरामद की।
उस शव की हालत को देखकर हत्यारों की दरिंदगी का सहज अंदाजा लगाया जा सकता है। समूचे शरीर पर कसी हुई रस्सियां के बीच सिर को बेरहमी से कुचल कर हत्या कर दी गई प्रतीत होती है।
नालंदा के हरनौत प्रखंड के खरूआरा निवासी राकेश कुमार जो कि छात्र जदयू के प्रदेश महासचिव भी थे। वे 29 जून से ही लापता थे।
छात्र जदयू के प्रदेश महासचिव राकेश कुमार के परिजन की मानें तो मंगलवार को वे खरूआरा से निकले थे। लेकिन शाम तक वापस नहीं लौटने पर मोबाइल से सम्पर्क किया गया तो उनका मोबाइल बंद बताया। चूँकि उनका मकान हरनौत में भी है तो वहाँ भी खोज खबर की गई लेकिन वहाँ भी नही मिले। अगले दिन भी उनका कुछ पता नहीं चल सका। थक हार कर परिजन ने हरनौत थाना को इसकी सूचना दी। छात्र जदयू के जिलाध्यक्ष समेत कई लोगों ने नालंदा एसपी से अपने नेता की बरामदी की गुहार लगाई थी।
अलावे पुलिस द्वारा उनकी खोज नहीं किए जाने से नाराज लोगों ने हरनौत में नेशनल हाईवे 31 को जाम कर सड़क पर आगजनी कर यातायात पूरी तरह ठप्प कर दिया था। लोग पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए लापता छात्र नेता को बरामद करने की मांग कर रहे थे।
शनिवार को पुलिस ने श्वान दस्ते के साथ उनकी खोज की। खोजबीन के दौरान पुलिस और ग्रामीण भी चौंक गए। पुलिस को एक कुंआ से उनकी चप्पल और खून से सने शर्ट मिले, जिससे साफ हो गया कि उनकी हत्या हो चुकी है।
इस दौरान पुलिस ने ग्रामीणों से मिले संकेत के आधार पर एक मकान के कमरे कोभी सील किया। इस कमरे में हुई ताजी रंग-पुताई में छुपे खून के धब्बे भी मिले।
विश्वस्त सूत्रों के अनुसार उस मकान पर जदयू के ही रौशन कुमार, प्रखंड पार्टी प्रवक्ता का बोर्ड लगा था, लेकिन वह घर पार्टी से ही जुड़े दीपक कुमार का है।
जब परिजनों ने थाना में शिकायत की तो स्थानीय थाना पुलिस दीपक को उठा ले गई, लेकिन किसी उपरी पहुंच-पैरवी के दबाव में उसे पीआर बांड भरवा कर थाना से छोड़ दिया गया। जबकि वह भी नामजद अभियुक्त था।
इस दौरान आरोपियों को बचाने में स्थानीय हरनौत विधायक हरिनारायण सिंह की भी संदिग्ध भूमिका उभरकर सामने आई है। उन पर आरोप है कि उन्होंने थाना पर दबाव बना कर पकड़े गये आरोपी को छुड़वा दिया। हालांकि विधायक अपने उपर लगे आरोपों से साफ इंकार करते हैं।
सूत्र बताते हैं कि ग्रामीणों ने उसी घर में दीपक, दिवाकर और मनीष के साथ राकेश कुमार (मृतक) को अंतिम बार देखा था। कुछ लोगों ने चीखने-चिल्लाने की बातें भी सुनी थी।
गांव वालों का साफ कहना था कि उसी घर में राकेश की हत्या हत्या की गई। रात में उसकी धुलाई की गई और अहले सुबह उसके भीतर रंग-पुताई कर उसमें धान रख दिया गया। एफएसएल टीम की जांच में भी रंगों में खून के अंश साफ मिले।
उसके बाद रविवार को पुलिस द्वारा खोजबीन के बाद लापता राकेश कुमार की सड़ी-गली लाश मिलते ही क्षेत्र में सनसनी फैल गई। इस घटना के बाद लोगों में काफी गुस्सा है। ग्रामीण अपराधियों की शीघ्र गिरफ्तार कर कड़े दंड देने की मांग कर रहे हैं।