Home देश पॉल्टिकल टर्निंग प्वाइंट होगा बिहार ‘सहानुभूति’ उपचुनाव परिणाम

पॉल्टिकल टर्निंग प्वाइंट होगा बिहार ‘सहानुभूति’ उपचुनाव परिणाम

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पटना (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज ब्यूरो)। बिहार के अररिया लोकसभा के साथ भभुआ तथा जहानाबाद विधानसभा उपचुनाव का मतदान कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच शांतिपूर्ण समाप्त हो गया। हालाँकि करीव सौ से ज्यादा मतदान केंद्रों पर ईवीएम की खराबी की वजह से मतदान बाधित भी हुआ।

इस उपचुनाव में मतदाताओं ने मतदान में ज्यादा रूचि नहीं दिखाई, जिसकी वजह से मतदान प्रतिशत 55 से कम रहा। सभी प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम में बंद हो गए हैं। मतदान समाप्त होने के साथ ही हार जीत का आंकलन शुरू हो गया है।bihar by election 2

इधर इन तीनों सीटों पर सहानुभूति लहर की चर्चा भी जोरों पर है।आखिर किसे इस लहर का फायदा मिलता है। इन तीनों सीटों पर विजय प्रत्याशियों के रिश्तेदार ही भाग्य आजमा रहे हैं।

राजनीति में राजनीतिक दल एक दूसरे पर चीख-चीखकर परिवारवाद की राजनीति का आरोप लगाते हैं ।लेकिन इस उपचुनाव के सभी तीनों सीटों पर परिवारवाद ही हावी रहा है।

अररिया लोकसभा से राजद सांसद तस्लीमुद्दीन के निधन के बाद खाली हुए इस सीट पर उनके पुत्र जदयू के पूर्व विधायक सरफराज आलम राजद के टिकट पर महागठबंधन के उम्मीदवार है।

यहाँ उनका मुकाबला भाजपा के पूर्व सांसद प्रदीप सिंह के साथ सीधा है।जबकि पप्पू यादव की पार्टी यहां मुकाबले को त्रिकोणीय बनाने में लगी हुई थीं।

भभुआ विधानसभा उपचुनाव में दिवंगत विधायक आनंद भूषण की पत्नी रानी पांडेय को भाजपा ने उतारा है। रानी पांडेय का मुकाबला कांग्रेस के शंभूनाथ सिंह पटेल से है।

जहानाबाद विधानसभा उपचुनाव में राजद ने अपने पूर्व विधायक मुन्द्रिका यादव के बेटे  सुदय यादव को उतारा है। उनका मुकाबला अंतिम समय में जदयू से प्रत्याशी बनाएँ गए अभिराम शर्मा से है। यहाँ जातीय समीकरण हार-जीत में निर्णायक होने वाला है।

जहानाबाद से शिवसेना ने भी यहाँ पहली बार एक महिला उम्मीदवार को मैदान में उतारा है। जर्मनी से एमटेक की डिग्री हासिल कर चुकी अर्चना मिश्र सबसे ज्यादा पढ़ी लिखी प्रत्याशी हैं।

बिहार में हो रहे इस उपचुनाव के कई सियासी मायने दिख रहे हैं। गठबंधन बदलने के बाद हो रहे इस उपचुनाव में दोनों गठबंधन की अग्नि परीक्षा दिख रही है।

महागठबंधन बिना लालू प्रसाद यादव के चुनाव मैदान में रहा। अगर इस उपचुनाव में एनडीए का पलडा भारी रहा तो इसे दूरगामी परिणाम के रूप में देखा जाएगा। अगर इस उपचुनाव में महागठबंधन भारी रहा तो इसे जीत का श्रेय पूर्व डिप्टी सीएम और प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव को मिलना तय है। अररिया लोकसभा और जहानाबाद विधानसभा सीट अभी महागठबंधन के पास है।

फिलहाल इन तीनों सीटों पर प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम में कैद हो गए हैं। मतदान के बाद नेताओं ने अपनी डफली अपना राग अलापना शुरू कर दिया है।

डिप्टी सीएम सुशील मोदी, रालोसपा के उपेन्द्र कुशवाहा, केन्द्रीय मंत्री रामविलास पासवान तथा अशोक चौधरी ने सभी सीटों पर एनडीए की जीत का दावा किया है। वहीं प्रतिपक्ष नेता तेजस्वी यादव,पूर्व सीएम जीतनराम मांझी तथा कांग्रेस अध्यक्ष कौकब कादरी ने महागठबंधन की जीत सुनिश्चित बताया है।

फिलहाल सभी प्रत्याशियों के भाग्य ईवीएम में बंद हो गए।मतगणना के बाद ही पता चलेगा कि मतदाताओं ने किसकी किस्मत तय की है।

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