“आश्चर्य की बात है कि एक नामचीन अखबार में सीओ को गिफ्ट देते एक कथित रिपोर्टर का सचित्र खबर प्रकाशित हुई तो वहीं, दूसरे नामचीन अखबार में दूसरे कथित रिपोर्टर को सीओ संग गलबहियां करते। कथार्त एक रिपोर्टर ने दूसरे रिपोर्टर की परस्पर सीओ संग सचित्र खबर छापी।”
नगरनौसा । इन तस्वीरों को देखने के बाद आम जन के मुख से एक ही सवाल उठ रहा है कि कहीं नगरनौसा के पूर्व सीओ, जो पिछले माह नगरनौसा प्रखंड से स्थानांतरित होकर नारदीगंज चले गए हैं। कहीं वह अगले चुनाव में विधायक बनाने की राह की जुगत तो नहीं भिड़ा रहे। अगर नहीं तो फिर मीडिया की ऐसी सुर्खियां पाने की लालसा उनमें क्यों ललची।
10 दिन पहले नगरनौसा प्रखंड में पदस्थापित सीओ कुमार विमल प्रकाश को नगरनौसा प्रखंड से स्थानांतरित होने के बाद सम्मान पूर्वक विदाई दी जा चुकी है। जिसकी खबर भी स्थानीय अखबारों में प्रमुखता से प्रकाशित किया जा चुका है।
इसके बावजूद नगरनौसा के सीओ के नजदीक रहे ही एक-दो कथित रिपोर्टर ने अपनी उपस्थिति दर्ज करवाने व प्रखंड मुख्यालय के वर्तमान पदस्थापित पदाधिकारियों पर अपना प्रभाव जमाने की मंशा से दोबारा अंचलाधिकारी की विदाई का समारोह अपने चहेतों की उपस्थिति में आयोजित की।
इस आयोजन की खबर भी अखबारों में पुनः प्रमुखता से प्रकाशित किया गया। एक ही अंचलाधिकारी की दुबारा विदाई की खबर अखबारों में पढ़ कर रोजाना अखबार पढ़ने वाले नगरनौसा प्रखंड क्षेत्र के पाठक यह सोचने पर विवश हो गए कि ये क्या हो रहा है प्रखंड मुख्यालय में।
एक सीओ की दोबारा विदाई? अगर यह मुमकिन है तो पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी व मनरेगा पीओ को दोबारा विदाई का जश्न का तोहफा क्यूँ नहीं दिया गया।
कहीं पूर्व सीओ की साठ गांठ में स्थानीय पत्रकार कोई गुल तो नहीं खिला रहे थे। अगर नही तो पूर्व प्रखंड विकास पदाधिकारी व मनरेगा पीओ के साथ ऐसा दुर्व्यवहार क्यूँ?