“2015 में सर्वाधिक अंतर से जीतने का रिकार्ड था मुन्द्रिका यादव के नाम, कृष्ण मोहन उर्फ सुदय जदयू प्रत्याशी को 35036 मतों से किया पराजित, हार तय देख जदयू प्रत्याशी दोपहर पूर्व ही मतगणना केन्द्र से किया पलायन”
जहानाबाद (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। चुनाव के दिन भूमिहार मतदाताओं का मतदान के प्रति उदासीनता और कुछ जगहा पर इस जाति के मतदाताओं द्वारा राजद के पक्ष में की गई वोटिंग ने चुनाव परिणाम क्या होगा, इसका संकेत दे दिया था।
जहानाबाद में हुए उपचुनाव में राजद प्रत्यासी कुमार कृष्ण मोहन उर्फ सुदय यादव ने अपने स्वर्गीय पिता मुन्द्रिका सिंह यादव की विरासत को बचाते हुए 1952 से लेकर अब तक के हुए 13 चुनावों में अबतक की सबसे बडी जीत का रिकार्ड बनाया।
सुदय यादव ने जदयू प्रत्याशी व 2010 में राजग गठबंधन से विधायक बने अभिराम शर्मा को 35036 मतों के विशाल अंतर से हराया। इसके पूर्व बडे अंतर से जीत का रिकार्ड स्व. मुन्द्रिका सिंह यादव के नाम था।
उन्होंने 2015 में महागठबंधन से राजद प्रत्याशी के रुप में रालोसपा के प्रवीण कुमार को 30321 मतों से पराजित 1985 में कांग्रेस के सैयद असगर हुसैन के 25392 मतों से जीत का रिकार्ड तोडा था।
राजद प्रत्याशी शुरु से ही जदयू प्रत्याशी पर बढत बनाए रखा। अपनी हार तय देख जदयू प्रत्याशी अभिराम शर्मा दसवें राउंड की मतगणना समाप्त होते ही मतगणना केन्द्र से चुपके से निकल लिए।
चुनाव परिणाम आने के बाद कोई तनाव ने हो इसके मद्देनजर मतगणना केन्द्र के बाहर सुरक्षा के बयापक इंतजाप किए गए थे। जहानाबाद के जिलाधिकारी से जीत का सर्टिफिकेट लेने के बाद सुदय यादव अपने समर्थको के साथ शहर का भ्रमण और हर जाति के मददाताओं को हाथ जोडकर शुक्रिया अदा किया।
उनके समर्थक भी बिल्कुल शांति के साथ उनके साथ थे कहीं भी ऐसी कोई नारेबाजी नहीं हुई जिससे किसी का दिल आहत हो।
जीत के बाद सुदय यादव ने राजद नेता विजय मंडल, उनकी जिला परिषद अध्यक्ष बहू आभा रानी, राजद नेता परमहंस राय, प्रवक्ता शशि रंजन उर्फ पप्पू यादव यादव सहित राजद और कांग्रेस के उन तमाम नेताओं का शक्रिया अदा किया, जिन्होंने उनकी जीत के लिए जी-तोड मेहनत की। उन्होंने कहा कि समाजिक समरसता, सद्भाव और क्षेत्र का विकास उनकी पहली प्राथमिकता होगी।
रिजल्ट होते सुदय की सजने लगी गाड़ी
इसके बाद शुरु हुआ कार की छत पर मास्क लाईट और छोटा लाउड स्पीकर लगाने का काम।
नये विधायक सुदय ने अपने पिता द्वारा खरीदी गई इसी गाडी को उनकी यादगारी मान इसी पर सवारी करने का निर्एाय लिया है।