Home आस-पड़ोस पर्यटक नगरी राजगीर में बंद रही दुकानें, पुलिस पर लगे गंभीर आरोप

पर्यटक नगरी राजगीर में बंद रही दुकानें, पुलिस पर लगे गंभीर आरोप

0

राजगीर (एक्सपर्ट मीडिया न्यूज)। नालंदा जिला स्थित अंतर्राष्ट्रीय पर्यटन नगरी में आश्चर्यचकित करने वाली घटना हुई। एक हत्या कांड के आरोपी अशोक राय की गिरफ्तारी के दूसरे दिन समूचे राजगीर की दुकानें स्फूर्त बंद हो गई। लेकिन किसी व्यक्ति या संगठन ने खुलकर यह नहीं बताया कि आखिर यह फैरिक बंदी क्यों हूई। राजगीर में ऐसी बंदी हाल के वर्षों में कभी देखने को नहीं मिली है।

स्थानीय पुलिस प्रशासन के नजदीकी लगाव रखने वाले अशोक राय की गिरफ्तारी पर उनकी पत्नी पिंकी देवी, जो कि वर्तमान में राजगीर नगर परिषद की उपाध्यक्ष हैं, वे मीडिया के सामने काफी आगबबूला दिखीं औऱ राजगीर पुलिस पर खुलकर कई गंभीर आरोप लगाये।rajgir band 2

अपने आरोपो में उन्होंने कभी अपने पति के गिरफ्तारी या उसके कारण बंदी का कोई जिक्र नहीं किया। वे सिर्फ पुलिस की नाकामी और अवैध धंधों में उसकी संलिप्ता के पोल खोले जा रही थी।

खबर है कि अन्तरराष्ट्रीय पर्यटन स्थल राजगीर की दुकानें सोमवार को पूरी तरह से बंद रहीं। शहर की करीब 600 दुकानों में ताले लटके रहे। यहां तक की पान की गुमटी और फुटपाथी दुकानें भी नहीं खुलीं। दोपहर बाद इक्का-दुक्का दुकानें खुलीं। एक दिन की बंदी से करीब 50 लाख रुपये का कारोबार चौपट हुआ है।

वैसे दुकानें क्यों बंद की गयीं, किसी को पता नहीं। कोई भी दुकानदार यह नहीं बता रहा था कि बंदी क्यों की गयी। यहां तक कि व्यवसायी संघ व फुटपाथी दुकानदार संघ इस मामले में कन्नी काटते दिखे।

लोग दबी जुबान में यह चर्चा कर रहे थे कि नगर पंचायत की उपाध्यक्ष के पति की गिरफ्तारी के विरोध में बंदी की गयी है।

इधर वार्ड पार्षदों के एक दल ने राजगीर पुलिस के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए सीएम से शिकायत करने की घोषणा की है।

आमतौर पर राजगीर बाजार में सुबह सात बजे तक सभी दुकानें खुल जाती हैं। लेकिन सोमवार को सात बजे के बाद भी दुकानें बंद देखकर लोग आश्चर्य में थे।

सभी दुकानदारों ने स्वेच्छा से अपनी दुकानें बंद की थीं। शहर के बस स्टैण्ड, बाजार, कुंड स्थल, छबिलापुर रोड, स्टेशन रोड, धर्मशाला रोड, गिरियक रोड आदि स्थानों पर दुकानों में ताले लटके थे।

लोग इस बात से भी हैरानी जाहिर कर रहे थे कि बंद रखने की खबर इतनी जल्दी किसने और कैसे सब जगह फैला दी।

हालांकि बंदी का असर गाड़ियों पर नहीं दिख रहा था। गाड़ियां आमदिनों की भांति ही चल रही थी। छोटी-बड़ी सभी गाड़ियां चल रही थी। हालांकि इन गाड़ियों से बाजार पहुंचे लोगों को मायूसी का सामना करना पड़ा।

आसपास के गांवों से खरीदारी करने आये लोग खाली हाथ वापस लौट गये। बाजारों में दिनभर सन्नाटा पसरा रहा। देस-विदेश से राजगीर भ्रमण को पहुंचे पर्यटकों को खासी परेशानी उठानी पड़ी।

उप मुख्य पार्षद पिंकी देवी, वार्ड पार्षद पंकज यादव, मीना देवी, उमेश रजक, रुक्मिनी देवी आदि ने कहा कि पुलिस के भ्रष्टाचार के खिलाफ बंदी की गयी है।

उनका कहना था कि नगर पंचायत राजगीर द्वारा बिहार नगरपालिका अधिनियम 2007 के तहत एक भूमि पर चल रहे निर्माण कार्य पर रोक लगा दी गयी थी।

पुलिस ने दूसरे पक्ष से मोटी रकम लेकर उसी भूमि पर निर्माण कार्य करवा दिया। यही नहीं इस काम के लिए पुलिस बल भी मुहैया कराया गया।

सबका आरोप था कि नगर पंचायत के कामों में राजगीर पुलिस के दखल देने व भ्रष्ट रवैये से सरकारी राजस्व की हानि हो रही है। ई-चालान के बाद भी पुलिस बालू की गाड़ी को पकड़कर जबरन वसूली कर रही है।

पुलिस की मिलीभगत से राजगीर नगर में दर्जनों जगह पर अवैध शराब का कारोबार हो रही है।

कार्रवाई के नाम पर सिर्फ बेकसूरों को जोल भेजने काम करती है। निर्दोष लोगों को झूठे मुकदमें में फंसा कर तंगोतबाह कर रही है।

वार्ड पार्षदों ने कहा कि राजगीर पुलिस के कारनामों को आवेदन देकर सीएम को बताया जायेगा। साथ ही बताया जायेगा कि पुलिस के कारण राजगीर की जनता त्रस्त है।

error: Content is protected !!
Exit mobile version